हवा और पानी में होने वाले खेलों के लिए अब मंजूरी होगी जरूरी

Edited By prashant sharma, Updated: 07 Feb, 2021 12:54 PM

approval will now be necessary for air and water sports

हिमाचल प्रदेश में हवा और खेल गतिविधियां कराने से पहले मंजूरी जरूरी होगी। हिमाचल मंत्रिमंडल ने जल क्रीड़ा और एयरो स्पोर्ट्स के लिए नए नियमों को मंजूरी दे दी है। आवश्यक सुरक्षा नियम पूरा नहीं करने पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिमला : हिमाचल प्रदेश में हवा और खेल गतिविधियां कराने से पहले मंजूरी जरूरी होगी। हिमाचल मंत्रिमंडल ने जल क्रीड़ा और एयरो स्पोर्ट्स के लिए नए नियमों को मंजूरी दे दी है। आवश्यक सुरक्षा नियम पूरा नहीं करने पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बीते दिन हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न साहसिक गतिविधियों के दौरान अधिक सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश जल क्रीड़ा और संबद्ध क्रियाकलाप प्रारूप नियम-2021 और हिमाचल प्रदेश विविध साहसिक गतिविधियों (संशोधन) नियम-2021 को मंजूरी दी गई। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राज्य में एयरो खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश एयरो स्पोर्ट्स नियम-2020 को भी मंजूरी दी। 

एयरो स्पोर्ट्स के तहत पैराग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून की गतिविधियों को चलाने वाले संस्थानों को सुरक्षा के हर पहलू का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। इन खेलों के संचालन को संस्थानों के लिए नियम कड़े किए गए हैं। जरूरी मानक पूरे न करने पर हादसा होने की स्थिति में इसमें कड़ी कार्रवाई के साथ सजा का प्रावधान भी रखा गया है। इन खेलों का लुत्फ उठाने वालों से होने वाली कथित लूट को भी कम करने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। कुल्लू, मनाली, सोलंगनाला, बीड़ बिलिंग समेत प्रदेश के विभिन्न इलाकों में इन खेलों का आयोजन होता है। 

इसके अलावा पर्यटन विभाग के जलक्रीड़ा और संबद्ध क्रियाकलाप के नियमों को मंजूर कर लिया है। विभिन्न गतिविधियों के लिए बांध क्षेत्र, नदियों और प्राकृतिक झीलों का भी चयन कर लिया गया है। जल क्रीड़ाएं करवाने के लिए बांध क्षेत्रों में महाराणा प्रताप सागर (पौंग डैम), गोबिंद सागर झील, लारजी परियोजना जलाशय, कोल बांध परियोजना जलाशय, पंडोह बांध जलाशय, चमेरा परियोजना- एक, दो और तीन बांध जलाशय और नाथपा बांध जलाशय को चुना गया है। नदियों में सतलुज, ब्यास, रावी, यमुना, गिरी, पब्बर, बास्पा, स्पीति, चंद्रभागा और प्राकृतिक झील में रेणुका झील को चुना गया है। 

जल क्रीड़ा में वेक बोर्डिंग, वाटर स्कीइंग, जैट स्कीइंग, स्काई बोर्डिंग, वाटर स्कूटर, फनराइड जैसे ट्यूब राइड, बनाना राइड, रिंगो राइड, डॉनट राइड, रोइंग, क्याकिंग और कनोइंग को शामिल किया गया है। संबद्ध क्रियाकलापों में देसी नौका पर नौका विहार, चप्पू नौका विहार, विद्युत/गति/इंजन चलित नौकायन नौका विहार, शिकारा (हाउस बोट) पर नौका विहार, पोत पर अवकाश पर्यटन को शामिल किया गया है। जलक्रीड़ा और संबद्ध क्रियाकलाप के लिए तीन साल की अवधि का रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। 

विदेशी नागरिक को प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले व्यक्ति को ही जल क्रीड़ाएं करवाने की अनुमति दी जाएगी। हृदय की कमजोर स्थिति, मिर्गी, फेफड़ों के विकार, दमा से पीड़ित सहभागियों और गर्भवती महिलाओं का जल क्रीड़ा में भाग लेना वर्जित होगा। नशे का सेवन किए हुए व्यक्ति को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। निर्धारित कपड़े पहनकर ही जल क्रीड़ा में शामिल हो सकेंगे। जल क्रीड़ा और संबद्ध क्रियाकलाप करने वाले लोगों को इसमें शामिल होने से पहले गतिविधि के दौरान किसी भी प्रकार की दुघर्टना होने की स्थिति में खुद की जिम्मेवारी तय करने का लिखित में अंडरटेकिंग भी देनी होगी।
 

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