Apple Season से पहले सड़कों पर उतरे किसान, सरकार को दी बड़े आंदोलन की चेतावनी(Video)

Edited By Ekta, Updated: 25 Jun, 2019 03:19 PM

सेब सीजन शुरू होने से पहले राजधानी शिमला में बागवान और किसान सड़कों पर उतर आए हैं। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले व अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर किसानों द्वारा मंगलवार को ठियोग, कुमारसैन, रोहड़ू, रामपुर, निरमण्ड, कसुम्पटी आदि स्थानों पर प्रदर्शन...

शिमला (योगराज): सेब सीजन शुरू होने से पहले राजधानी शिमला में बागवान और किसान सड़कों पर उतर आए हैं। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले व अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर किसानों द्वारा मंगलवार को ठियोग, कुमारसैन, रोहड़ू, रामपुर, निरमण्ड, कसुम्पटी आदि स्थानों पर प्रदर्शन किया गया। साथ ही एसडीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक 15 मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया। जिसमें मुख्यत मांगों में किसानों-बागवानों के विभिन्न मण्डियों में आढ़तियों व कारोबारियों के द्वारा जो बकाया राशि का भुगतान करना है। सरकार उसे तुरंत करवाएं और दोषी आढ़तियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। 
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किसानों को विभिन्न मंडियों में धोखाधड़ी व शोषण से बचाने के लिए प्रदेश में एपीएमसी अधिनियम, 2005 को सख्ती से लागू करें। विशेष रूप से धारा 39 की उपधारा 2 के नियम xix व xxii को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। इनमें स्पष्ट प्रावधान है कि जिस दिन किसान का उत्पाद बिकेगा उसी दिन उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा और जो भी आढ़ती, खरीददार या कारोबारी कारोबार करेगा उसका लाइसेंस सुनिश्चित किया जाए। उसके कारोबार की क्षमता के अनुसार उसको नकद में बैंक गारंटी रखनी आवश्यक है। इसकी जिम्मेवारी कानूनी रूप से एपीएमसी की है। इसके अतिरिक्त जो गैरकानूनी काट प्रति पेटी/नग मंडियों में की जाती है उसपर तुरन्त रोक लगाई जाए। जिन आढ़तियों ने यह काट की है उनपर कार्यवाही कर यह राशी किसानों व बागवानों को लौटाई जाए।

पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तूफान, अंधड़ व ओलावृष्टि से सेब, नाशपती, गुठलीदार फलों, गोभी, बीन, टमाटर, शिमला मिर्च व अन्य फलों व सब्जियों को भारी क्षति हुई है। किसानों ने मांग की है कि प्रभावित किसानों को इसकी उचित भरपाई के लिए सरकार विभिन्न विभागों जिसमें, राजस्व, कृषि, उद्यान, बैंक, बीमा कंपनी व अन्य संबंधित विभागों की टीम तुरंत गठित कर इसका बाजार की दरों पर मूल्यांकन कर उनको इसका उचित मुआवजे की भरपाई करें। इसके साथ ही प्रदेश सरकार केंद्र सरकार पर सभी देशों से सेब व अन्य कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम से कम 100 प्रतिशत करने और जो हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि आयात के लिए सभी बंदरगाहों को खोल दिया है। उन्हें तुरंत बंद करने के लिए दबाव बनाए। किसान संघर्ष समिति आने वाले दिनों में इन मांगों को लागू करवाने के लिए शीघ्र ही किसानों का एक जन प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री को मिलेगा तथा सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर विचार-विमर्श करेगी।

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