हिमगिरी कल्याण आश्रम के बच्चों के तारणहार बने अनुराग, उठाएंगे पढ़ाई का खर्चा

Edited By Vijay, Updated: 17 Nov, 2019 11:15 PM

anurag thakur in solan

केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमगिरी कल्याण आश्रम के 5 छात्रों का धर्मपालक बनने की घोषणा की। धर्मपालक के रूप में वे प्रति बच्चा प्रति वर्ष 11,000 रुपए खर्च वहन करेंगे। इसके अलावा प्रतिवर्ष आश्रम में अपनी ओर से...

सोलन (नरेश पाल): केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमगिरी कल्याण आश्रम के 5 छात्रों का धर्मपालक बनने की घोषणा की। धर्मपालक के रूप में वे प्रति बच्चा प्रति वर्ष 11,000 रुपए खर्च वहन करेंगे। इसके अलावा प्रतिवर्ष आश्रम में अपनी ओर से पुस्तकें भी भेंट करेंगे। उन्होंने कहा कि आश्रम को प्रति वर्ष खेल किटें, कपड़े एवं तौलिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। वह रविवार को सोलन जिला के शिल्ली स्थित हिमगिरि कल्याण आश्रम में आयोजित जनजातीय गौरव एवं वार्षिक उत्सव में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि किसी न किसी रूप में समाज के वंचित वर्गों की सहायता का संकल्प लें और सामथ्र्य अनुरूप समय दान एवं अंशदान करें।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला

उन्होंने कहा कि देश के 90 प्रतिशत जनजातीय जिलों में वनवासी आश्रम प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। यह सब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रगतिशील एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश की सोच तथा समाज के सक्रिय योगदान से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला है। उन्होंने कहा कि जब वे हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने थे तो उन्हें विरासत में 7 कुर्सियां, 2 रजिस्टर व एक टाइपराइटर मशीन मिली थी। उन्होंने 5 वर्षों में प्रदेश में 5 स्टेडियमों का निर्माण किया और वर्तमान में प्रदेश में 40 एकैडमी चली हुई हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें ताकि भारत विश्व गुरु बन कर उभरे और वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने।

हिमगिरी कल्याण आश्रम लोगों का भविष्य संवारने के लिए प्रयत्नशील : बिंदल

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि हिमगिरि कल्याण आश्रम सोलन जनजातीय एवं अति पिछड़े क्षेत्रों के लोगों का भविष्य संवारने के लिए प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि 19 मई, 1985 को हिमगिरि कल्याण आश्रम 4 छात्रों के साथ आरंभ हुआ था। वर्तमान में सोलन के साथ चम्बा, शिमला, रामपुर तथा किन्नौर में आश्रम के छात्रावास चल रहे हैं। इनमें लगभग 100 बालक एवं 15 बालिकाएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। आश्रम के माध्यम से शिक्षा प्राप्त छात्र वर्तमान में अन्य के लिए प्रेरणास्रोत बन कर उभरे हैं। शिमला में आश्रम के निर्माणाधीन भवन के लिए पूर्व छात्रों ने 7.50 लाख रुपए का अंशदान किया है। यह सिद्ध करता है कि आश्रम अपने छात्रों को सबल बनाने एवं सदैव सहायता करने के उद्देश्य में सफल रहा है।

मोदी के नेतृत्व में देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर

मुख्य वक्ता वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रामचंद्र खराड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा लगभग 20,000 प्रकल्पों के माध्यम से जनजातीय संस्कृति का संरक्षण सुनिश्चित बनाया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि बोन बौद्ध धर्म गुरु डॉ. थुपतन नेगी रिन्पोछे ने कहा कि हिमाचल में जनजातीय क्षेत्रों के लोग विकास के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर भारतीय एवं हिमाचली संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। डॉ. राजेश्वर चंदेल ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी।

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