Edited By Vijay, Updated: 18 Mar, 2021 05:18 PM
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सीआईआई द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण के वार्षिक सम्मेलन में इस बजट में महिलाओं के उत्थान व उनके सशक्तिकरण के मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी व महिला उद्यमियों की उपलब्धियों...
शिमला (योगराज): केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सीआईआई द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण के वार्षिक सम्मेलन में इस बजट में महिलाओं के उत्थान व उनके सशक्तिकरण के मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी व महिला उद्यमियों की उपलब्धियों पर उनकी सराहना की। अनुराग ने कहा कि मोदी सरकार पूरी दृढ़ता से महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पित है और इसी का परिणाम है कि हमने बजट 2021-22 में महिलाओं का विशेष ध्यान रखा है। महिलाओं के लिए चलाई जा रहीं विशिष्ट योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। पोषाहार योजना के लिए वर्ष 2020-2021 के लिए 35,600 करोड़ रुपए का आबंटन हुआ है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 5 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य बीमा योजना, उज्ज्वला योजना का विस्तार, महिला उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण एवं बैंक ऋण सुविधा का विस्तार देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता लाने के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण बहुत जरूरी है और उन समाजों का विकास बहुत अच्छी तरह से होता है जहां महिलाओं को एक समान सम्मान दिया जाता है। आज की महिला अब एक आश्रित नारी नहीं है। वह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर है और हर चीज करने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं। चाहे सेना क्षेत्र हो या सेवा क्षेत्र महिलाएं हर जगह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। मोदी सरकार ने महिलाओं को हर क्षेत्र में सशक्त करने का काम किया है। महिला वर्ग के लिए अब इतनी योजनाएं चलाई जा रही हैं और उनके हाथ में सीधे पैसे भी पहुंच रहे हैं, जिससे वे वास्तव में ‘लक्ष्मी’ बन गई हैं। अब घर के पुरुष उन्हें लक्ष्मी के रूप में देखते हैं और उनका सम्मान करते हैं। ये सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि मुद्रा लोन का भी ज्यादा लाभ महिलाओं को मिला है और 70 प्रतिशत ऋण महिला कारीगरों को दिया गया है। इससे न केवल महिला अपने पैरों पर खड़ी होगी बल्कि इससे परिवार एवं समाज की बेहतरी होगी। मोदी सरकार स्त्री-पुरुष को 2 पंख मानती है। एक पंख से उड़ान नहीं भरी जा सकती है इसलिए बजट में महिलाओं की स्थिति में हर तरह का सुधार लाने और उन्हें आर्थिक तौर पर स्वतंत्र बनाने के ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे उन्हें मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।