Edited By Vijay, Updated: 02 May, 2018 11:46 PM
प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है जो अपनी आजीविका के लिए कृषि एवं अन्य संबंधित व्यवसायों पर निर्भर है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों व बागवानों को...
बिलासपुर: प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है जो अपनी आजीविका के लिए कृषि एवं अन्य संबंधित व्यवसायों पर निर्भर है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकारें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों व बागवानों को लाभान्वित कर रही हैं। ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत घुमारवीं विकास खंड के कोठी गांव में आयोजित जिला स्तरीय किसान कल्याण कार्यशाला में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि कृषि उत्पादन में वृद्धि हो और इस क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार के नए द्वार खुल सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए विभिन्न सिंचाई योजनाएं आरंभ की जा रही हैं।
अब सीधे मंडियों में अपना उत्पाद भेज सकता है किसान
उन्होंने कहा कि 580 से अधिक कृषि विपणन केंद्रों को इलैक्ट्रॉनिक्स कम्प्यूटर के माध्यम से मंडियों से जोड़ दिया गया है और अब किसान सीधे मंडियों में अपना उत्पाद भेज सकता है। उन्होंने सांसद आदर्श गांव कोठी के समुचित विकास के लिए बनने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में भी विस्तृत रूप से चर्चा की। इस अवसर पर विशेष अतिथि घुमारवीं के विधायक राजेंद्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार अगले 5 वर्षों की अवधि में हिमाचल को जैविक कृषि राज्य बनाने के लक्ष्य के प्रति व्यापक प्रयास कर रही है।
खेतों में लगाई जा रही सोलर बाड़
उन्होंने मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कृषि क्षेत्र में बंदरों, जगंली जानवरों व बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए सोलर बाड़ लगाई जा रही है। वहीं देलग में आयोजित कार्यशाला में सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने बताया कि हर खेत को जल प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा बजट में व्यापक प्रावधान किया गया है। उन्होंने अव्वल किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड भी वितरित किए।