एंटी Ragging को लेकर बनी गाइडलाइंस, लागू न की तो होगी सख्त कार्रवाई

Edited By Ekta, Updated: 15 Jun, 2018 09:15 AM

anti ragging to take made guideline

रैगिंग की रोकथाम के लिए एंटी रैगिंग रैगुलेशन 2009 को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) ने जारी किए हैं। इसको लेकर बनी गाइडलाइंस लागू न किए जाने पर संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रैगिंग की रोकथाम के...

शिमला: रैगिंग की रोकथाम के लिए एंटी रैगिंग रैगुलेशन 2009 को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) ने जारी किए हैं। इसको लेकर बनी गाइडलाइंस लागू न किए जाने पर संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रैगिंग की रोकथाम के लिए यदि कोई शिक्षण संस्थान कड़े कदम उठाने में विफल रहता है। अगर दोषी छात्र पर कार्रवाई नहीं की जाती है या फिर उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के रोकथाम के लिए एंटी रैगुलेशन के तहत कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई तो उक्त संस्थान के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 


संस्थानों में इसके रोकथाम के लिए यू.जी.सी. ने पहले ही सभी संस्थानों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश के कालेजों मेें आगामी दिनों में प्रवेश प्रक्रिया का दौर शुरू हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षाओं का दौर जारी है और यह दौर जून-जुलाई माह में जारी रहेगा। इसके अलावा प्रदेश के कालेजों में 15 जून (शुक्रवार) से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।


मोबाइल एप की मदद से रैगिंग के शिकार विद्यार्थी तुरंत कर सकेंगे शिकायत
एंटी रैगिंग मोबाइल एप की मदद से इसका शिकार विद्यार्थी तुरंत शिकायत कर सकेंगे। इस मोबाइल एप से विद्यार्थियों को इस समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इससे पहले इसकी शिकायत दर्ज करवाने के लिए पीड़ित विद्यार्थियों को वैबसाइट का सहारा लेना पड़ता था लेकिन एक मोबाइल एप आने से इसको तुरंत शिकायत करने में मदद मिलेगी। शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। रैगिंग से पीड़ित छात्र-छात्राएं नैशनल एंटी हैल्पलाइन 1800-180-5522 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा ई-मेल के माध्यम से नैशनल एंटी रैगिंग हैल्पलाइन पर भी शिकायत की जा सकती है।


2017 में हिमाचल में सामने आए रैगिंग के 6 मामले
जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 से अब तक रैगिंग की कुल 28 शिकायतें हिमाचल प्रदेश में दर्ज हो चुकी हैं। वर्ष 2009 में 1, वर्ष 2010 में 2, वर्ष 2011 में 0, वर्ष 2012 में 3, वर्ष 2013 में 5, वर्ष 2014 में 3, वर्ष 2015 में 4, वर्ष 2016 में 4 और वर्ष 2017 में 6 शिकायतें रैगिंग से संबंधित दर्ज हुईं। इसके अलावा इस वर्ष 2018 में बीते अप्रैल माह तक हिमाचल में रैगिंग के 2 मामले दर्ज हुए थे।

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