Edited By prashant sharma, Updated: 01 Jul, 2020 03:40 PM
बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली कंगना रणाैत के बाद हिमाचल की एक और बेटी ने बॉलीवुड में एंट्री की है।
सिरमौर : बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली कंगना रणाैत के बाद हिमाचल की एक और बेटी ने बॉलीवुड में एंट्री की है। हिमाचल के सिरमौर जिले के छोटे से गांव चौरस की मनीषा सिंह चौहान की बहुचर्चित हिंदी फ़िल्म ( कांड ) जो की मेक्स प्लेयर और अन्य 7 बड़े ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रदर्शित हो रही है। यह एक रोमांचक फ़िल्म है, जिसमें मनीषा सिंह चौहान ईशा नाम के मुख्य किरदार को निभा रही हैं।
वर्ष 2017 में रखा मायानगरी मुंबई में कदम
नौहराधार से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद मनीषा ने नोएडा से जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन में ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की तथा अब इसी क्षेत्र में एमए की पढ़ाई कर रही है। मनीषा इससे पहले इंडिया टीवी, न्यूज 24 और जी न्यूज जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी काम कर चुकी है। वर्ष 2017 में अपने परिवार के सहयोग से मनीषा ने मायानगरी मुंबई का रुख किया। लंबे संघर्ष व कठिन परिश्रम के बाद शुरूआत में कुछ विज्ञापनों में काम करने का मौका मिला, जिसके बाद छोटे पर्दे के कई टीवी सीरियल में अपना जौहर दिखाया। मनीषा ने छोटे पर्दे पर आखिरी शो स्टार प्लस का प्रसिद्ध टीवी सीरियल इश्कबाज किया था।
हिमाचल प्रदेश में होगी वैब सीरीज की शूटिंग
मनीषा के मुताबिक कोरोना के इस दौर में मायानगरी मुंबई की फिल्म सिटी पूरी तरह तहस-नहस हो गई है, ऐसे में मुंबई में आने वाले लंबे अरसे तक काम मिल पाना मुश्किल है। ऐसे में जल्द ही उसकी कुछ वैब सीरिज की शूटिंग शुरू होने वाली है। इन वैब सीरीज की पूरी शूटिंग हिमाचल प्रदेश में ही की जाएगी। ये वैब सीरीज हिमाचल के उन लोगों के सपनों को साकार करने में भी सहायक साबित होंगी जो लोग एंटरटेनमैंट इंडस्ट्रीज से प्रेरित हैं और अभिनय में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।
नई-नई चुनौतियों से जूझकर बनानी पड़ती है अपनी अलग पहचान
मनीषा ने बताया कि एक छोटे से गांव की लड़की को मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े महानगरों में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आपको रोजाना नई-नई चुनौतियों से जूझ कर अपनी अलग जगह और पहचान बनानी पड़ती है। मनिषा का कहना था कि नई प्रतिभाओं को आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता। कई बार असफलता के बाद निराश होकर इंसान टूट जाता है। मगर ऐसी परिस्थिति में भी आशावादी बनकर फिर से खड़ा होकर लगातार प्रयासरत रहना चाहिए।