Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Mar, 2018 09:19 PM
आई.जी.एम.सी. अस्पताल में बीते दिनों हुए रैगिंग के मामले के बाद रविवार को एक और मामला सामने आया, जिससे अस्पताल में पूरा दिनभर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
शिमला: आई.जी.एम.सी. अस्पताल में बीते दिनों हुए रैगिंग के मामले के बाद रविवार को एक और मामला सामने आया, जिससे अस्पताल में पूरा दिनभर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। हुआ यूं कि आई.जी.एम.सी. अस्पताल के मनोचिकित्सा वार्ड से रविवार सुबह 2 महिला मानसिक रोगियों के फरार हो गईं। हालांकि शाम को स्वयं ही दोनों मानसिक महिला रोगी वापस अस्पताल लौट आईं। महिला रोगियों के लापता होने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। तीमारदारों सहित वार्ड के कर्मचारियों ने प्रशासन को भी लापता होने की शिकायत दी। हालांकि महिलाओं को ढूंढने के लिए पूरा दिन प्रयास किए गए लेकिन शाम के समय दोनों ही रोगी वापस आ गईं। बताया जा रहा है कि रोगियों को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया था।
सुबह साढ़े 7 बजे पेश आया मामला
सुबह साढ़े 7 बजे से वार्ड में दाखिल मानसिक रोगी पुष्पा लापता हो गई और उसके बाद एक और मानसिक रोगी 19 वर्षीय मुस्कान लापता हो गई। पुष्पा और मुस्कान मानसिक रोगी हैं और वह इलाज के लिए वार्ड में भर्ती हुई हैं। रविवार सुबह परिजनों ने महिला को बैड पर नहीं देखा तो अस्पताल में ही इधर-उधर ढूंढा। अस्पताल से मानसिक रोगी के लापता होने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। वार्ड में लोहे का गेट लगा है और बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात रहता है लेकिन सुबह से ही गेट खुला था और कोई भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था। प्रशासन ने अस्पताल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इसके बावजूद भी मानसिक रोगी वार्ड के अंदर से भाग रहे हैं।
भागीं नहीं घूमने गईं थीं महिला रोगी
आई.जी.एम.सी. के एम.एस. रमेश चंद ने बताया कि वार्ड से महिला रोगी भागी तो नहीं थीं लेकिन घूमने के तौर पर गई हुई थीं। वे अस्पताल में वापस आ गई हैं। रविवार को कई बार मरीज घूमने जाते हैं लेकिन शाम के समय में वापस आ जाते हैं।