'अनिल शर्मा धर्मसंकट में नहीं स्वार्थ संकट में हैं'

Edited By kirti, Updated: 15 Apr, 2019 11:41 AM

anil sharma is not in selfish interest in dharmasankat

एक समय ऐसा था जब देश में कोई सोच भी नहीं सकता था कि हिमाचल जैसे शांत राज्य के नेता के पास करोड़ों रुपए मिल सकते हैं लेकिन पंडित सुखराम परिवार ने यह करके दिखाया था। सुखराम के पास करोड़ों रुपए मिले थे। यह बात ऊना में पत्रकार वार्ता करते हुए भाजपा के...

ऊना : एक समय ऐसा था जब देश में कोई सोच भी नहीं सकता था कि हिमाचल जैसे शांत राज्य के नेता के पास करोड़ों रुपए मिल सकते हैं लेकिन पंडित सुखराम परिवार ने यह करके दिखाया था। सुखराम के पास करोड़ों रुपए मिले थे। यह बात ऊना में पत्रकार वार्ता करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रामकुमार ने कही।

उन्होंने कहा कि महाभारत में भी केवल पुत्र मोह का वर्णन है लेकिन सुखराम ने पौत्र मोह का उदाहरण स्थापित कर राजनीति को दूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि हमेशा धर्म संकट की बात कहने वाले अनिल शर्मा धर्मसंकट में नहीं हैं बल्कि स्वार्थ संकट में हैं। अनिल को किसी अन्य ने संकट में नहीं डाला है बल्कि वह स्वयं संकट में पड़े हैं। जनता ने उन्हें भाजपा के चलते विधायक बनाया है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें मंत्री बनाया था। उन्होंने कहा कि अनिल भाजपा की सदस्यता और विधायक पद से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ लें ताकि उनका व उनके पिता का यह वहम भी दूर हो जाए कि प्रदेश में भाजपा की सरकार उनके बूते पर बनी है।

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