Edited By Ekta, Updated: 22 May, 2019 12:24 PM
पूर्व मंत्री एवं सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा को इस बात की खुशी है कि उनका बेटा आज अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है। अनिल शर्मा का कहना है कि हार-जीत से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन खुशी इस बात की है कि सरकार के साथ आश्रय शर्मा ने डटकर...
मंडी (नीरज): पूर्व मंत्री एवं सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा को इस बात की खुशी है कि उनका बेटा आज अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है। अनिल शर्मा का कहना है कि हार-जीत से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन खुशी इस बात की है कि सरकार के साथ आश्रय शर्मा ने डटकर मुकाबला किया है। अनिल शर्मा के अनुसार जनता से उन्हें जो फीडबैक मिला है उसके अनुसार आश्रय शर्मा ने जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आश्रय के विचारों से जनता काफी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि आश्रय शर्मा ने लोकसभा जैसा बड़ा चुनाव लड़कर अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत की है।
उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि जयराम ठाकुर भी अपने जीवन का पहला चुनाव हार गए थे, इसलिए पहले चुनाव को हार जीत के साथ नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि आज जयराम ठाकुर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी की लड़ाई एक बड़ी लड़ाई थी। क्योंकि एक तरफ पूरी सरकार थी और दूसरी तरफ आश्रय। उन्होंने कहा कि एक तरफ साधन संपन्न भाजपा और सरकार थी जबकि दूसरी तरफ आश्रय शर्मा और कांग्रेस पार्टी का संगठन था। उन्होंने कहा कि सरकार से लड़ाई लड़ना काफी मुश्किल होता है लेकिन आश्रय ने कड़ी टक्कर दी और अपनी काबिलियत को दिखा दिया।