...और देव परंपरा से दोबारा जिंदा हो गया नड़

Edited By Vijay, Updated: 19 Aug, 2018 09:34 PM

and nad alive again with the dev tradition

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित देवता जमदग्नि ऋषि के प्रांगण में शनिवार देर रात को दैवीय शक्तियों के चलते एक विशेष समुदाय का नड़ अशोक कुमार दोबारा जिंदा हो गया।

कुल्लू: जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पहाड़ की ऊंचाई पर स्थित देवता जमदग्नि ऋषि के प्रांगण में शनिवार देर रात को दैवीय शक्तियों के चलते एक विशेष समुदाय का नड़ अशोक कुमार दोबारा जिंदा हो गया। इस दौरान क्षेत्र के 4 देवताओं के रथ सहित सैंकड़ों ग्रामीणों ने इस रस्म को देखा। इसके अलावा नड़ के मूर्छित होने के बाद देवताओं के हारियानों ने वाद्य यंत्रों के साथ मंदिर के चारों ओर 3 चक्कर लगाए। देवता के कारदार देवी सिंह ने जैसे ही चारों दिशाओं की ओर तीर मारे तो अशोक एकदम मूर्छित हो गया। इसके बाद उसे अचेत अवस्था में देव परंपराओं के अनुरूप घुमाया गया, उसके बाद दोबारा दैवीय शक्ति से उसे जिंदा कर दिया गया। इसे सुख-शांति के लिए एक प्रकार से नरमेज्ञ यज्ञ का ही प्रतीक माना जाता है, जिसमें घाटी के ढालपुर के देवता गौहरी, नैना सेरी के वीर वराधी, लोट के वीर, दरपोईन की माता जोगणी और स्थानीय देवता जम्दग्नि ने शिरकत की।
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काहिका में नड़ की भूमिका होती है नायक की तरह
काहिका में नड़ की भूमिका एक हीरो की तरह होती है। काहिका की धुरी इसके इर्द-गिर्द रहती है। देवभूमि कुल्लू में काहिका उत्सव तारापुर, भल्याणी, मथान, धारला, लरांकेलो, दियार, भेखली, पूईद, बिजली महादेव, शिरढ़, बशौणा, नग्गर, दरपोइन, छमाहण, नरोगी, हवाई, त्यून, धारा, तांदला, काईस व सोयल आदि कई स्थानों पर मनाया जाता है। इसकी एक निश्चित समय सीमा होती है। आमतौर पर काहिका श्रावण व आश्विन माह में मनाया जाता है। इन दोनों महीनों को तांत्रिक सिद्धियों के लिए उपयुक्त माना गया है। मान्यता है कि जब धरती पर पाप की अधिकता होती है तो उसे खदेडऩे के लिए काहिका का आयोजन होता है। इसमें नड़ के माध्यम से धरती में पनपे पाप को खत्म करने के लिए जौ के दाने फैंके जाते हैं, जिसे तांत्रिक साहित्य में वज्र का रूप माना गया है। कुल्लू में नड़ एक जाति विशेष है, जो देवता इंद्र के पुरोहित माने जाते हैं।
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घुड़दौड़ युवक मंडल बना वालीबाल चैम्पियन
कहिका उत्सव के दौरान वालीबाल मैच का भी आयोजन किया गया, जिसमें युवक मंडल घुड़दौड़ विजेता और बल्ह युवक मंडल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि बल्ह पंचायत के उपप्रधान विजेन्द्र ठाकुर रहे। ग्राम पंचायत के प्रधान भुवनेश्वर ने मुख्यातिथि का स्वागत टोपी व स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि ने विजेता व उपविजेता टीम को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया और इस सफल आयोजन के लिए अपनी निधि से 2500 रुपए की राशि मेला कमेटी को दी। प्रधान भुवनेश्वर ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वर्गवास पर सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है।

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