Edited By Jinesh Kumar, Updated: 10 May, 2021 04:48 PM
कोविड रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद करीब एक सप्ताह से धर्मशाला अस्पताल में दाखिल वतन सिंह (80) को गत दिन एक एम्बुलैंस उसके घर के समीप जसूर में तलाड़ा रोड पर सड़क किनारे पड़े बजरी के ढेर पर उतार कर चलती बनी। इस बात की जानकारी न तो वतन सिंह के परिजनों को...
नूरपुर (राकेश): कोविड रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद करीब एक सप्ताह से धर्मशाला अस्पताल में दाखिल वतन सिंह (80) को गत दिन एक एम्बुलैंस उसके घर के समीप जसूर में तलाड़ा रोड पर सड़क किनारे पड़े बजरी के ढेर पर उतार कर चलती बनी। इस बात की जानकारी न तो वतन सिंह के परिजनों को और न ही समीप स्थित पंचायत प्रधान को दी गई कि वतन सिंह के स्वास्थ्य की स्थिति क्या है तथा अस्पताल में दाखिल होने के एक सप्ताह भीतर ही कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुका है या नहीं। बहरहाल सड़क किनारे पड़े वतन सिंह को सड़क किनारे गुजर रहे किसी व्यक्ति ने उसके परिजनों तथा स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता यशपाल पप्पू को जानकारी दी। लेकिन सबके सामने यह एक बड़ा धर्मसंकट आन खड़ा हुआ कि वतन सिंह किस हालत में घर लौटाया गया है क्योंकि उसके पास स्वास्थ्य विभाग की कोई भी विधिवत डिस्चार्ज रिपोर्ट नहीं थी। इस पर यशपाल पप्पू द्वारा स्थानीय प्रशासन के ध्यान में वतन सिंह को सड़क किनारे बजरी के ढेर पर उतारे जाने तथा संबंधित कोविड केंद्र द्वारा किसी प्रकार की डिस्चार्ज जानकारी न दिए जाने बारे बताया।
प्रशासन द्वारा त्वरित रूप से इस बारे संबंधित कोविड केंद्र तथा स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर वतन सिंह को इस प्रकार छोड़े जाने तथा उसके स्वास्थ्य का ब्यौरा मांगा गया और उसके संक्रमणहीन होने की जानकारी परिजनों को दी। इस पर उसके परिजन व आस पड़ोस के लोगों की सांस में सांस आई। यशपाल पप्पू द्वारा स्वास्थ्य विभाग की इस कथित लापरवाही की सरकार से जांच की मांग करते हुए निवेदन किया गया है कि किसी भी मरीज के डिस्चार्ज होने की जानकारी परजिनों को अग्रिम रूप से दी जाए, ताकि लोगों में भ्रांतियां उत्पन्न न हो सकें। वहीँ इस बारे में एस.डी.एम. नूरपुर डा. सुरेंद्र ठाकुर का कहना था कि वतन सिंह को जसूर में इस प्रकार उतारे जाने की घटना के बारे जिला स्वास्थ्य अधिकारी व प्रशासन से संपर्क करने पर बताया गया कि नई गाइडलाइन के तहत कोविड केंद्र में मरीज को अब 17 की बजाय 10 दिन तक रखा जा रहा है। वतन सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी स्थानीय पंचायत को देकर वतन सिंह को उसके घर पहुंचाया गया।