इन्हें नहीं है जान की परवाह, जान जोखिम में डालकर कर रहे सफर

Edited By Kuldeep, Updated: 27 Aug, 2018 05:01 PM

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मालवाहक वाहनों में सवारियां ढोने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। लोग जान जोखिम में डालकर सड़कों पर बेखौफ होकर सफर कर रहे हैं।

अम्ब: मालवाहक वाहनों में सवारियां ढोने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। लोग जान जोखिम में डालकर सड़कों पर बेखौफ होकर सफर कर रहे हैं। अदालत के आदेशों के बावजूद नियम-कानून को ताक पर रखते हुए सड़कों पर बेरोकटोक सरपट दौड़ रहे ऐसे वाहनों को न तो किसी का डर है और न ही लोगों की जिंदगी की कीमत की कोई परवाह है। बार-बार सड़कों पर हो रहे ऐसे वाहनों के हादसों के बाद प्रशासन की आंखें खुलती हैं और उस वक्त सबको नियमों की याद भी आती है लेकिन फिर यही सिलसिला शुरू हो जाता है।


ठूंस-ठूंसकर भरे होते हैं यात्री
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले मेलों के दौरान पंजाब सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मालवाहक वाहनों में सवार होकर लोग प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों में आते हैं। अक्सर ऐसे वाहनों में डबल डैकर बनाकर यात्रियों को ठूंस-ठूंसकर भरा होता है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी और घुमावदार सड़कों पर ऐसे वाहनों के अनियंत्रित होने का हमेशा भय सताता है। पूर्व में इस तरह के वाहनों के हुए सड़क हादसे गवाह हैं कि सड़क हादसों के दौरान कई लोग जहां काल का ग्रास बन चुके हैं, वहीं कई हमेशा के लिए अपने अंगों को खो चुके हैं।


नियम कानून का सरेआम उल्लंघन, पुलिस बेबस
ऐसे दर्दनाक हादसे संबंधित परिवारों को लम्बे समय तक गहरे जख्म दे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद लोग सबक नहीं लेते हैं। सूत्र बताते हैं कि मेलों में आने वाले ज्यादातर ऐसे मालवाहक वाहन किराए पर हायर किए जाते हैं और लोग सस्ती यात्रा के लालच में ऐसे वाहनों को तवज्जो देते हैं। मेलों से पहले प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है कि इस बार प्रदेश में ऐसे वाहनों को घुसने नहीं दिया जाएगा और लोगों को बॉर्डर पर ही मालवाहक वाहनों से उतार दिया जाएगा लेकिन मेला शुरू होते ही ऐसे वाहन प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर सड़कों पर दौडऩे शुरू हो जाते हैं। हालांकि नाकों के दौरान पुलिस ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रयास करती है लेकिन ऐसा कई बार देखने को मिला है कि वाहनों में सवार श्रद्धालु पुलिस के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने पर उतारू हो जाते हैं। कथित तौर पर उस वक्त ऐसे लगता है कि मानो यह सब धार्मिक आस्था की आड़ में नियम कानून का सरेआम उल्लंघन हो रहा है और पुलिस भी श्रद्धालुओं की भीड़ के सामने बेबस नजर आती है। लोगों का कहना है कि जनहित में विभिन्न राज्यों की सरकारों को इस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए और श्रद्धालुओं को ढोने वाले मालवाहक वाहनों पर कड़ा प्रतिबंध लगाना चाहिए।


डी.एस.पी. मनोज जम्वाल अम्ब का कहना
पुलिस नाकों के दौरान ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करती है जिसके तहत मालवाहक वाहनों के चालान किए जाते हैं।

 

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