किसानों-बागवानों से धोखाधड़ी पर कृषि विभाग सख्त, 35 आढ़तियों के लाइसैंस रद्द

Edited By Vijay, Updated: 30 Dec, 2018 10:26 PM

agriculture department strict on fraud canceled license of 35 stalwarts

कृषि विभाग (कृषि विपणन निदेशालय) ने किसानों-बागवानों से धोखाधड़ी करने वाले 35 आढ़तियों के लाइसैंस रद्द किए हैं। इनमें कृषि निदेशक ने स्टेट लेवल के 15 लाइसैंस तथा जिला स्तर के 20 लाइसैंस कृषि उपनिदेशक शिमला ने कैंसिल किए हैं। ए.पी.एम.सी. एक्ट के तहत...

शिमला: कृषि विभाग (कृषि विपणन निदेशालय) ने किसानों-बागवानों से धोखाधड़ी करने वाले 35 आढ़तियों के लाइसैंस रद्द किए हैं। इनमें कृषि निदेशक ने स्टेट लेवल के 15 लाइसैंस तथा जिला स्तर के 20 लाइसैंस कृषि उपनिदेशक शिमला ने कैंसिल किए हैं। ए.पी.एम.सी. एक्ट के तहत अमल में लाई गई इस कार्रवाई से आढ़तियों में हड़कंप मच गया है। कृषि महकमे की कार्रवाई के बाद कुछ ट्रेडर कृषि निदेशालय पहुंचकर लाइसैंस को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

पेमैंट का भुगतान किए बगैर भूमिगत हुए आढ़ती

सेब के अलावा अन्य फलों व सब्जियों का कारोबार करने वाले इन आढ़तियों पर किसानों-बागवानों से धोखाधड़ी के आरोप हैं। बहुत से आढ़ती ग्रोवरों से उनकी उपज लेने के बाद उन्हें पेमैंट का भुगतान किए बगैर भूमिगत हो गए हैं। कुछ आढ़तियों पर मंडियों में 15 से 20 रुपए लोडिंग व अनलोडिंग चार्जिज वसूलने के आरोप हैं जबकि ए.पी.एम.सी. एक्ट के अनुसार ग्रोवरों से केवल 5 रुपए प्रति पेटी लोडिंग व अनलोडिंग चार्जिज लिए जा सकते हैं। कुछ आढ़ती कई-कई सालों से बागवानों की पेमैंट नहीं दे रहे हैं। बागवानों की शिकायतों के बाद कृषि विभाग ने आढ़तियों के लाइसैंस रद्द करके ट्रेडरों को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया है।

शिमला, सोलन और ऊना जिला में भी की कार्रवाई

कृषि विभाग ने शिमला, सोलन और ऊना जिला में भी कुछ ट्रेडरों के लाइसैंस रद्द किए हैं। कुछ मामलों में विभिन्न ए.पी.एम.सी. ने भी ऐसी ही कार्रवाई अमल में लाई है। सोलन और शिमला ए.पी.एम.सी. ने भी कुछ ट्रेडरों के लाइसैंस रद्द किए हैं। प्रदेश में एक साथ 35 लाइसैंस पहली बार कैंसिल किए गए हैं। बीते दिनों ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने भी इसे लेकर नारकंडा मंडी में लंबी लड़ाई भी लड़ी है। इसी तरह कई क्षेत्रों में किसान-बागवान भी इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर आए हैं। बागवानों ने भी अपने स्तर पर कुछ ट्रेडरों के खिलाफ पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है।

वर्ष 2015 से कृषि विभाग दे रहा लाइसैंस

वर्ष 2015 तक ए.पी.एम.सी. ही आढ़त के लाइसैंस देती आई है। इसी साल पूर्व वीरभद्र सरकार ने उद्यानिकी उपज विपणन विधेयक में संशोधन करके कृषि विपणन निदेशालय का गठन किया। इसके तहत ए.पी.एम.सी. के मार्कीट यार्ड से बाहर यानि सड़क किनारे चल रही अस्थायी मंडियों के लाइसैंस देने की शक्तियां कृषि विभाग को दी गई। स्टेट लेवल के लाइसैंस कृषि निदेशक तथा जिला स्तर के लाइसैंस जिला कृषि उपनिदेशक द्वारा दिए जा रहे हैं।

धोखाधड़ी करने वाले ट्रेडरों के लासैंस किए रद्द

कृषि निदेशक डा. देसराज ने बताया कि कृषि विभाग को लगातार ग्रोवरों से धोखाधड़ी की शिकायतें मिल रही थी। इसके बाद विभाग ने ए.पी.एम.सी. एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक ट्रेडरों के लाइसैंस रद्द किए हैं।

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