Edited By Ekta, Updated: 22 Aug, 2018 12:14 PM
हिमाचल में सरकार नशे के खिलाफ पुख्ता कानून बनाए। इसके तहत पंजाब की तर्ज पर नशे के तस्करों को फांसी की सजा का प्रावधान किया जाए। इसके साथ ही सिंथैटिक ड्रग्स के मामले को पूरी तरह गैर-जमानती धाराओं के तहत लाया जाए। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश...
शिमला: हिमाचल में सरकार नशे के खिलाफ पुख्ता कानून बनाए। इसके तहत पंजाब की तर्ज पर नशे के तस्करों को फांसी की सजा का प्रावधान किया जाए। इसके साथ ही सिंथैटिक ड्रग्स के मामले को पूरी तरह गैर-जमानती धाराओं के तहत लाया जाए। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने यहां जारी बयान में यह मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा है कि अमूमन यह देखने में आया है कि अधिकतर अपराधी पुलिस के शिकंजे से इसलिए छूट रहे हैं क्योंकि उन्हें कानून में खामी के चलते जमानत हासिल हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे का मसला कोई राजनीतिक मसला नहीं है और यदि सरकार इसके खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ती है तो कांग्रेस इसमें पूरा सहयोग करेगी।
उन्होंने कहा कि खासतौर पर सरहदी इलाकों में जहां चौकसी बढ़ाने की जरूरत है और सरकार नशे के सौदागरों के खिलाफ व्यापक धरपकड़ का अभियान चलाए। कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा है कि हैरोइन जैसे नशे में 5 ग्राम तक पकड़े जाने में जमानत का प्रावधान है जोकि बिल्कुल गलत है। इसे तुरंत प्रभाव से खत्म करना चाहिए और जो भी इसके तस्कर हैं या इस कारोबार में शामिल पाए जाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि 4 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक एक सही कदम है और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर ही इस गंभीर समस्या का समाधान किया जा सकता है। अग्रिहोत्री ने कहा है कि आज हिमाचल के हर कस्बे में हैरोइन जैसा खतरनाक नशा बिक रहा है। प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से कहीं आगे निकलकर यह नशा पूरे हिमाचल में पहुंच गया है।
विधानसभा में उठाया जाएगा मामला, पंजाब के सी.एम. से मिले
अग्निहोत्री ने कहा है कि विधानसभा में भी यह मसला जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले में अन्य राज्यों के कानून का अध्ययन करके जल्द कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी इस मसले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से मिले थे और उनसे सरहदों पर चौकसी बढ़ाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो कानून व्यवस्था के हालात खराब हो रहे हैं, उसकी जड़ में भी नशे का कारोबार प्रमुखता से शामिल है।
डोप टैस्ट राज्य में करवाने की जरूरत
नशे के बढ़ते प्रचलन से हिमाचल की पूरी शिक्षित युवा पीढ़ी को बचाने की जरूरत है और बड़े पैमाने पर डोप टैस्ट राज्य में करवाने की जरूरत है। अग्निहोत्री ने कहा है कि प्रदेश में जो भी युवा किन्हीं भी कारणों से नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं, उनके लिए रिहैबिलिटेशन सैंटर स्थापित करने की जरूरत है ताकि उन्हें भी जल्द से जल्द मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।