सेब सीजन को बीता आधा साल, नोटिस के बावजूद आढ़ती जमा नहीं करवा रहे बैंक गारंटी

Edited By Vijay, Updated: 03 Sep, 2019 04:55 PM

agent not gave bank guarantee

सेब सीजन तकरीबन आधा खत्म हो गया है लेकिन ज्यादातर आढ़तियों ने अब तक कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) को बैंक गारंटी जमा नहीं करवाई है। शिमला जिला की तमाम मंडियों में काम करने वाले 132 आढ़तियों में से अब तक 34 ने ही बैंक गारंटी जमा की है......

शिमला: सेब सीजन तकरीबन आधा खत्म हो गया है लेकिन ज्यादातर आढ़तियों ने अब तक कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) को बैंक गारंटी जमा नहीं करवाई है। शिमला जिला की तमाम मंडियों में काम करने वाले 132 आढ़तियों में से अब तक 34 ने ही बैंक गारंटी जमा की है जबकि एपीएमसी शिमला-किन्नौर ने जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में सभी आढ़तियों को बैंक गारंटी जमा कराने के लिए नोटिस जारी किए थे। मार्कीटिंग बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार सेब कारोबार करने वाले सभी आढ़तियों को 5 से 50 लाख तक की बैंक गारंटी एपीएमसी को देनी है। बैंक गारंटी अनिवार्य करते वक्त दावा किया गया कि इससे बागवानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी रुकेगी। यदि कोई आढ़ती बागवानों की पेमैंट हड़प जाता है तो बैंक गारंटी में से बागवानों को कुछ राशि का भुगतान किया जा सकेगा।

हाईकोर्ट के आदेशों पर अनिवार्य की है बैंक गारंटी

जून के दूसरे पखवाड़े में शुरू हुआ सेब सीजन अब लगभग आधा बीत गया है, ऐसे मेंसवाल उठना लाजिमी है कि बैंक गारंटी लेने में आखिर देरी क्यों हो रही है? मार्कीटिंग बोर्ड ने हाईकोर्ट के आदेशों पर बैंक गारंटी अनिवार्य की है क्योंकि 25 मई, 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पराला मंडी के उद्घाटन अवसर पर 25 लाख की बैंक गारंटी अनिवार्य करने के एपीएमसी को निर्देश दिए थे। वर्ष 2016 में इसे अनिवार्य कर दिया गया लेकिन इसफैसले के खिलाफ कुछ आढ़ती कोर्ट में चले गए। कोर्ट ने 25 लाख सिक्योरिटी के आदेशों पर स्टे लगाते हुए आढ़ती के कारोबार के हिसाब से बैंक गारंटी तय करने के आदेश दिए। इसके बाद मार्कीटिंग बोर्ड ने भी तत्परता दिखाते हुए बैंक गारंटी को अनिवार्य किया।

अस्थायी मंडियों के आढ़ती भी नहीं दे रहे बैंक गारंटी

एपीएमसी के अलावा कृषि विभाग भी मंडियों से बाहर यानी सड़क किनारे चलने वाली अस्थायी मंडियों के लाइसैंस देता है। इन अस्थायी मंडियों के आढ़ती भी बैंक गारंटी देने में आनाकानी कर रहे हैं जबकि मार्कीटिंग बोर्ड की बीओडी ने बीते जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में ही इन्हें बैंक गारंटी जमा कराने के निर्देश दिए थे।

75 करोड़ से अधिक के कारोबार पर 50 लाख बैंक गारंटी

बीओडी के फैसले के मुताबिक 0 से 15 करोड़ सालाना का कारोबार करने वाले आढ़ती को 5 लाख रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी, जबकि 15 से 25 करोड़ के बीच कारोबार करने वाले आढ़ती को 10 लाख, 25 से 50 करोड़ के बीच कारोबार वाले को 15 लाख, 50 से 75 करोड़ का कारोबार करने वाले आढ़ती को 25 लाख तथा 75 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले आढ़ती को 50 लाख की सिक्योरिटी देनी होगी।

बैंक गारंटी इसलिए की अनिवार्य

प्रदेश में हर साल सैंकड़ों बागवान ठगी का शिकार होते हैं। आढ़ती और लदानी बागवानों की पेमैंट का भुगतान किए बगैर फरार हो जाते हैं। इससे बागवानों को हर वर्ष करोड़ों का नुक्सान झेलना पड़ता है। बीते साल के सेब सीजन में भी बड़ी संख्या में बागवानों को चूना लगाकर आढ़ती व लदानी फरार हुए हैं।

क्या बोले एपीएमसी के सचिव

शिमला-किन्नौर एपीएमसी के सचिव देवराज कश्यप ने कहा कि एपीएमसी शिमला सभी आढ़तियों से बैंक गारंटी ले रही है। अब तक 34 ने बैंक गारंटी जमा करवा दी है। इसके लिए इन्हें नोटिस दे रखे हैं।

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