Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Mar, 2018 11:59 AM
खणी पंचायत को पूलिन पंचायत से जोड़ने वाले बुधिल नदी पर बने पुल की दशा को देखकर ही उसके ऊपर से गुजरने वालों की सांसें थम-सी जाती हैं। पुल के टूटे फट्टे किसी अप्रिय घटना को न्यौता देते हैं। पुल के ऊपर से बगडू, मैत्र व सिरड़ी गांवों के ग्रामीण, स्कूली...
भरमौर : खणी पंचायत को पूलिन पंचायत से जोड़ने वाले बुधिल नदी पर बने पुल की दशा को देखकर ही उसके ऊपर से गुजरने वालों की सांसें थम-सी जाती हैं। पुल के टूटे फट्टे किसी अप्रिय घटना को न्यौता देते हैं। पुल के ऊपर से बगडू, मैत्र व सिरड़ी गांवों के ग्रामीण, स्कूली बच्चे तथा मजदूर हर रोज गुजरते हैं मगर हैरानी की बात है कि आज तक किसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही इसके टूटे फट्टों को बदलने की जरूरत समझी गई। इस सड़क से जुड़ने वाले गांवों के बाशिंदों को नई सरकार से इस पुल के बनने तथा इस सड़क के निर्माण की आस जगी है। ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि इतने वर्षों तक बार-बार आग्रह के बावजूद न तो इस पुल की दशा में कोई सुधार होता है और न ही पिछले कई वर्षों से इस सड़क को कोई बना रहा है।
3 साल से सड़क का कार्य शुरू नहीं हुआ
आशीष ठाकुर का कहना है कि पिछले कई वर्षों से बन रहे लाहल-सिरड़ी मार्ग के बनने की आस बगडू व मैत्र आदि गांवों के निवासियों में जगी थी। उन्होंने कहा कि लगभग 3 वर्ष पूर्व एक संयुक्त निरीक्षण टीम द्वारा मुआयना किया गया था जिससे सड़क की उम्मीद छोड़ चुके ग्रामीणों में सड़क की आस जगी थी मगर 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क का कार्य शुरू होना तो दूर पुल की हालत को भी नहीं सुधारा जा सका। नतीजतन आज भी लोग खतरा मोल लेकर पुल पार कर रहे हैं।
मांग करने के बावजूद कोई हल नहीं
मान सिंह कपूर का कहना है कि 1980 के दशक में शुरू हुआ इस सड़क का कार्य आज तक सही मायने में शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि बार-बार मांग करने के बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि बुधिल नदी के पुल तक लगभग 2 किलोमीटर सड़क उसी दौरान बन गई थी जब इस सड़क का कार्य शुरू हुआ था।