कुर्सी को लेकर छिड़ा सियासी घमासान: मेयर के खिलाफ बगावत पर उतरे BJP पार्षद खोलेंगे मोर्चा

Edited By Ekta, Updated: 23 Jun, 2018 10:08 AM

against the mayor rebellion landed on bjp councilor will protest

बगावत पर उतरे भाजपा के अपने ही पार्षद मेयर कुसुम सदरेट व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा का हाऊस में विरोध करेंगे। पार्षद मुंह पर काली पट्टी बांध अपनी ही मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। मेयर से नाराज चल रहे भाजपा पार्षदों ने इसके लिए पूरी तैयारी...

शिमला (वंदना): बगावत पर उतरे भाजपा के अपने ही पार्षद मेयर कुसुम सदरेट व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा का हाऊस में विरोध करेंगे। पार्षद मुंह पर काली पट्टी बांध अपनी ही मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। मेयर से नाराज चल रहे भाजपा पार्षदों ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। पार्षदों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि मेयर के खिलाफ भाजपा के 12 पार्षद एकजुट हैं और मेयर कुसुम सदरेट के नेतृत्व में वे हाऊस नहीं चलने देंगे। भाजपा के 19 में से 12 पार्षदों ने लिखित में मेयर को हटाने की मांग शिक्षा मंत्री से की है, जिसके बाद से मेयर व डिप्टी मेयर की कुर्सी को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। 


नाराज पार्षद मेयर व डिप्टी को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं, जिससे मेयर व डिप्टी मेयर की मुश्किलें बढ़ गई हैं, वहीं पार्टी हाईकमान भी बगावत पर उतरे पार्षदों के रवैये से परेशान है। हालांकि पार्षदों को मनाने की प्रक्रिया जारी है लेकिन मेयर से दूरियां इस कदर बढ़ गई हैं कि पार्षद मेयर से बात तक करना पसंद नहीं कर रहे हैं, जिससे मेयर की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। भाजपा पार्षद पार्टी व सरकार पर मेयर को पद से हटाने को लेकर दबाव बनाते जा रहे हैं, वहीं पार्षदों से छिड़े सियासी घमासान के बीच मेयर कुसुम सदरेट ने 29 जून को नगर निगम की मासिक बैठक बुलाई है, ऐसे में भाजपा पार्षदों के हाऊस नहीं चलने देने की चेतावनी के बीच मेयर के समक्ष विपक्षी पार्षदों के साथ सदन की कार्रवाई शुरू करना चुनौती रहेगी और वह भी तब जब भाजपा, कांग्रेस व माकपा के सभी पार्षद मेयर के खिलाफ हैं। 


वहीं भाजपा के नाराज पार्षदों को मनाने के लिए मेयर और डिप्टी मेयर पार्षदों के घर-घर जाकर उनकी नाराजगी का कारण जान दूरियां खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन भाजपा पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर से बात तक करना पसंद नहीं कर रहे हैं, ऐसे में नाराज पार्षदों को मनाना भी मेयर के समक्ष एक चुनौती है। मेयर अब तक 2 नाराज पार्षदों के घर जाकर उनसे सुलह करने की पहल कर चुकी हैं लेकिन नतीजा अब शून्य ही है। पार्षद मानने को राजी नहीं हैं। मेयर व डिप्टी मेयर अपनी कुर्सी बचाने के लिए सचिवालय से लेकर पार्टी कार्यालय के चक्कर भी काट रहे हैं लेकिन उनकी मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं।


भाजपा व विपक्षी पार्षदों का पलटवार
उधर मेयर के सभी 34 वार्डों में एक समान विकास करने के बयान पर भाजपा के नाराज पार्षदों व विपक्षी पार्षदों ने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी पार्षदों का कहना है कि मेयर ने अपनी नाकामियां छुपाने के लिए जनता को गुमराह करने के लिए एक समान विकास का बयान दिया है ताकि वह जनता की सहानुभूति हासिल कर सकें। विपक्षी पार्षदों दिवाकर देव व अर्चना धवन ने संयुक्त बयान में कहा है कि मेयर ने केवल अपने इक्का-दुक्का चहेते पार्षदों के वार्डों में ही करोड़ों रुपए खर्च किए हैं जबकि अन्य पार्षदों के वार्डों में कोई कार्य पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान नहीं हुआ है। भाजपा पार्षद आरती चौहान ने मेयर कुसुम सदरेट पर पिक एंड चूज की राजनीति करने का आरोप लगाया है। आरती ने कहा कि मेयर ने केवल अपने करीबी पार्षदों के वार्डों में ही काम करवाए हैं। जाखू की कांग्रेस समॢथत पार्षद अर्चना धवन ने कहा कि पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान शहर में कोई नहीं योजना शुरू नहीं हो सकी है। पार्षदों की फाइलें महीनों से लटकी हुई हैं। 


भाजपा पार्षदों की गुटबाजी से हो सकता है बड़ा फेरबदल
भाजपा पार्षदों की गुटबाजी मेयर व डिप्टी मेयर पर भारी पड़ सकती है। पार्टी हाईकमान भी पार्षदों को मनाने में लगी है लेकिन पार्षदों के तीखे तेवरों के चलते पार्टी हाईकमान जल्द ही बड़ा फैसला ले सकता है, जिससे नगर निगम की सत्ता में बड़ा फेरबदल होने की संभावना है।

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