आखिरकार तीन साल बाद लाया गया स्टेट हॉयर एजुकेशन कौंसिल बिल

Edited By Ekta, Updated: 16 Dec, 2018 06:23 PM

after all state higher education council bill brought three years later

आखिरकार तीन साल बाद प्रदेश सरकार ने स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल बिल पारित कर दिया है। सरकार को इस बिल को लाने के लिए कई साल लग गए। हांलाकि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ये बिल प्रस्तावित था, लेकिन सरकार ने इस पर गौर नहीं किया जबकि मानव संसाधन...

शिमला (प्रीति): आखिरकार तीन साल बाद प्रदेश सरकार ने स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल बिल पारित कर दिया है। सरकार को इस बिल को लाने के लिए कई साल लग गए। हांलाकि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ये बिल प्रस्तावित था, लेकिन सरकार ने इस पर गौर नहीं किया जबकि मानव संसाधन मंत्रालय ने इसको लेकर प्रदेश सरकार को कई बार चेतावनी पत्र भी जारी किए थे। वर्ष 2018 में रूसा-2 की नई गाइडलाइन के तहत केंद्र सरकार ने इस स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल का गठन अनिवार्य किया था। ऐसे में यदि इस बार भी सरकार कौंसिल के गठन को लेकर बिल न लाती तो प्रदेश को आने वाले दिनों में रूसा की लगभग 300 करोड़ की ग्रांट से हाथ धोना पड़ सकता था, जिससे प्रदेश को खासा नुक्सान होता।

इसी नुक्सान से बचने के लिए इस विधानसभा सत्र में सरकार ने स्टेट हायर एजुकेशन कौंसिल बिल पारित कर दिया है। इसके बाद सरकार अब इस कौंसिल का गठन करेगी। ये गठन रूसा-2 के गाइडलाइन के मुताबिक होगा। गौर हो कि सरकार पहले इस बिल को विधानसभा के बीते मानसून सत्र में लाने जा रही थी, लेकिन कुछेक औपचारिकताएं पूरी न होने के चलते ये बिल नहीं लाया गया। अब सरकार ने शीतकालीन सत्र में ये बिल पारित कर दिया है। हांलाकि सरकार ने बीते मानसून सत्र में रूसा के तहत कलस्टर यूनिवर्सिटी के बिल को मंजूरी दी थी। ये बिल भी लंबे समय से अटका हुआ था। 

वरिष्ठ शिक्षाविद होंगे कौंसिल के मुखिया

रूसा की नई गाइडलाइनस के मुताबिक प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षाविद को ही इस कौंसिल का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री इस कौंसिल के अध्यक्ष होते थे, लेकिन नए प्रावधानों के मुताबिक इस कौंसिल में राजनेताओं की जगह शिक्षाविदों को शामिल किया गया है। नए नियमों के तहत शिक्षा मंत्री भी इस कौंसिल के सदस्य नहीं होंगे। इसमें शिक्षा सचिव कौंसिल के उपाध्यक्ष व कई विभागों के अधिकारी, प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति व शिक्षाविद बतौर सदस्य शामिल होंगे। इस कौंसिल में 20 से 25 सदस्य होंगे।

हायर एजुकेशन में नीतियां बनाती हैं कौंसिल, 3 माह में एक बैठक अनिवार्य

ये कौंसिल हायर एजुकेशन में नीतियां बनाती है और हर तीन महीने में इस कौंसिल की एक बैठक होना अनिवार्य रहती है, लेकिन जब से प्रदेश में रूसा शुरू हुआ है, यहां कौंसिल की एक बैठक भी नहीं हुई है। मानव संसाधन मंत्रालय में होने वाली बैठकों में भी कौंसिल के सदस्यों की भागीदारी रहती है। इसके अलावा रूसा में जो नई गाइडलाइन बनती है, इसके लिए भी कौंसिल के अध्यक्ष व सदस्यों की राय ली जाती है। इसके अलावा शिक्षा में गुणवत्ता लाने के नई योजनाएं भी यही कौंसिल बनाती है।

15 राज्य बना चुकें हैं कौंसिल, दो साल बाद एक तिहाई सदस्य बदले जाएंगे

केंद्र के निर्देशों के बाद देश के 15 राज्यों ने स्टेट हॉयर एजुकेशन कौंसिल का गठन कर लिया है। इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार भी इस कौंंसिल का गठन करने जा रही है। ये स्थाई कौंसिल होगी। इसमें अध्यक्ष व सदस्यों के कार्यकाल तय किए जाएंगे। दो साल बाद कौंसिल के एक-तिहाई सदस्य बदले जाएंगे। ऐसा प्रावधान इसमें किया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने इसमें कालेजों व विवि के रजिस्ट्रार से भी सुझाव मांगे है। इसके बाद कई प्रावधान किए जाएंगे। स्टेट हायर कौंसिल का बिल विधानसभा में पारित कर दिया गया है। अब जल्द ही प्रदेश में कौंसिल का गठन कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने रूसा-2 के तहत यह कौंसिल बनाना अनिवार्य किया था। अब यह कौंसिल प्रदेश में शिक्षा की नई नीतियां, योजनाएं बनाने का कार्य करेगी।

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