केंद्र सरकार के कृषि सुधार अध्यादेश के खिलाफ हुए हिमाचल के आढ़ती

Edited By prashant sharma, Updated: 25 Jul, 2020 04:07 PM

adversaries against central government s agricultural reform ordinance

केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश को लेकर हिमाचल प्रदेश के आढ़ती विरोध में आ गए हैं और मंडियों को बंद काटने का एलान भी कर दिया है।

शिमला : केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश को लेकर हिमाचल प्रदेश के आढ़ती विरोध में आ गए हैं और मंडियों को बंद काटने का एलान भी कर दिया है। शिमला की ढली सब्जी मंडी को एक दिन के लिए बंद भी रखा गया और इस अध्यादेश का विरोध किया गया है। आढ़ती संघ का मानना है कि इस अध्यादेश के आने से किसानों को उनकी उपज के सही दाम नहीं मिल पाएंगे और आढ़ती का कारोबार भी ठप्प हो जाएगा। क्योंकि इस अध्यादेश से कोई भी व्यक्ति आधार और पेन कार्ड दिखाकर किसानों से उपज खरीद सकता है जिससे किसान को भी दाम अच्छे नहीं मिल पाएंगे। 

हिमाचल प्रदेश आढ़ती संघ के अध्यक्ष नाहर सिंह चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिला और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज कर इस अध्यादेश को हिमाचल प्रदेश में लागू न करने की मांग की है। क्योंकि आढ़ती संघ का मानना है कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी प्रदेश है और यहां के भूगौलिक स्थिति मैदानी राज्यों से अलग है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादों को लेकर एमएसपी निर्धारित नहीं किया है, जबकि हरियाणा और पंजाब में सरकार ने हर कृषि उत्पाद के लिए एमएसपी निर्धारित किया है ताकि किसानों को उपज का सही दाम मिल सके। इसलिए इस अध्यादेश को हिमाचल में इस अध्यादेश को लागू न किया जाए ताकि प्रदेश की 60 मंडियों को बंद करने की नौबत न आये। मंडियों में किसानों की उपज की ओपन बोली लगती है जिससे दाम अच्छे मिलते हैं और मंडी के दाम के आधार पर ही बड़ी बड़ी कंपनी भी किसानों से उपज को खरीदते हैं।
 

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