Edited By Ekta, Updated: 17 Dec, 2018 06:19 PM
पीढ़ियों से चले आ रहे अपने पुश्तैनी व्यवसाय को न अपनाकर कुछ अलग करने की चाहत पाले आदर्श गुप्ता का बचपन का सपना था कि वह कुछ ऐसा कर गुजरे कि उनकी अपनी अलग पहचान और नाम तो हो ही साथ में समाज के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका भी हो, जिससे अधिक से अधिक...
बिलासपुर (ब्यूरो): पीढ़ियों से चले आ रहे अपने पुश्तैनी व्यवसाय को न अपनाकर कुछ अलग करने की चाहत पाले आदर्श गुप्ता का बचपन का सपना था कि वह कुछ ऐसा कर गुजरे कि उनकी अपनी अलग पहचान और नाम तो हो ही साथ में समाज के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका भी हो, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित भी हों। बिलासपुर जिला के सदर विधानसभा क्षेत्र की पंचायत कोठीपुरा में 12 नवम्बर, 1978 को नंद प्रकाश वोहरा के घर पैदा हुए बालक आदर्श गुप्ता के बाल्यावस्था के स्वप्न को गौवंश ने न केवल साकार ही किया अपितु केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के हाथों विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कृषि विज्ञान भवन दिल्ली में पहाड़ी व उत्तर पूर्व क्षेत्र के राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड-2018 से पुरस्कृत करवाकर उनकी उपलब्धियों पर राष्ट्रीय स्तर पर मोहर भी लगवा दी।
आदर्श गुप्ता का कथन है कि जिला बिलासपुर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यहां के हजारों परिवार दुग्ध सहकारिता समितियों से जुड़कर श्वेत क्रांति को गति दे रहे हैं। अत्याधिक दुग्ध उत्पादन के लिए यद्यपि किसान हाई ब्रीड गौवंश को पालने में प्राथमिकता देते हैं लेकिन गुणों की खान अमृत समान दूध देने वाली पहाड़ी गिरी गाय की ओर किसानों का रूझान कम है। आदर्श गुप्ता का सपना है कि प्रत्येक किसान पशुपालक के आगंन के खूंटे में पहाड़ी गिरी गाय का बसेरा हो ताकि हर भारतीय को शुद्ध गुणवत्ता पूर्वक दूध मिल सके। किसानों को भरपूर फसल की पैदावार के लिए रासायनिक रहित प्राकृतिक गुणों से परिपूर्ण नि:शुल्क गोबर की खाद प्राप्त हो और अधिक से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हों ताकि बेरोजगारी की समस्या पर लगाम लगे और किसान अपनी बंजर होती भूमि पर पुन: लहलहाती फसलों का अवलोकन कर सकें।
इन्होंने पाल रखी हैं देसी नस्ल की ये गऊएं
आदर्श गुप्ता की 5 बीघा से भी अधिक क्षेत्र में फैली गौशाला में सिंध की साहीवाल, राजस्थान की धारपारक, गुजरात की गिर, जर्सी और हिमाचल की देसी गिरी नस्ल की गायें प्रतिदिन 400 लीटर से भी अधिक दूध का उत्पादन कर रही हैं। आदर्श गुप्ता राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय गोपाल रत्न के तृतीय पुरस्कार से वर्ष 2018 में सम्मानित भी किया गया।