Edited By Simpy Khanna, Updated: 11 Dec, 2019 10:13 AM
प्रदेश के हर स्कूल में एक आदर्श कक्षा कक्ष बनाया जाएगा। इसके तहत प्री-नर्सरी कक्षाओं के लिए पढऩे और खेलने के लिए आवश्यक सामग्री दी जाएगी। इसके साथ ही इन कक्षाओं को फ्रैंडली क्लास रूम बनाया जाएगा। इन क्लास रूम की दीवारों को गिनती, सब्जियों, फलों के...
शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के हर स्कूल में एक आदर्श कक्षा कक्ष बनाया जाएगा। इसके तहत प्री-नर्सरी कक्षाओं के लिए पढऩे और खेलने के लिए आवश्यक सामग्री दी जाएगी। इसके साथ ही इन कक्षाओं को फ्रैंडली क्लास रूम बनाया जाएगा। इन क्लास रूम की दीवारों को गिनती, सब्जियों, फलों के नाम व तस्वीरों से सजाया जाएगा, ताकि बच्चों को प्रैक्टीक ल तौर पर पढ़ाया जा सके। इसके अलावा इसमें बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की व्यवस्थाएं भी की जाएंगी।
समग्र शिक्षा विभाग अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में ये व्यवस्था करने जा रहा है। हाल ही में समग्र शिक्षा विभाग के परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में चर्चा की गई। इस दौरान जिलों को इसके लिए डिमांड भेजने को भी कहा गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में पहले चरण में राज्य के 3391 स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाओं को आदर्श कक्ष बनाया जाएगा।
समग्र शिक्षा विभाग ने स्कूलों को किया जारी बजट
समग्र शिक्षा विभाग ने इसके लिए स्कूलों को बजट जारी कर दिया है। विभाग ने प्रत्येक स्कूल को आदर्श कक्ष बनाने के लिए 62 हजार रुपए की राशि जारी की है। इसके तहत स्कूलों को टीचिंग लर्निंग मैटीरियल व कक्षा को डैकोरेट किया जाएगा। निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाओं को सजाया जाएगा। इस संबंध में मानव संसाधन मंत्रालय ने प्रदेश को निर्देश भी जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत प्री-नर्सरी के क्लासरूम को डैकोरेट करने को कहा गया है।
बता दें कि प्रदेश में इस समय प्री-नर्सरी कक्षा के नौनिहालों को भाषा विकास, बौद्धिक विकास, शारीरिक विकास, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास व रचनात्मक विकास संबंधी क्रिया-कलाप करवाए जा रहे हैं। भाषा विकास में बच्चों के साथ गपशप, कविता, कहानी, पहेलियां, अभिनय, ध्वनियों की पहचान करवाई जाती है, जिसके लिए शिक्षकों को स्पैशल ट्रेनिंग दी गई है।