Edited By Ekta, Updated: 19 Jun, 2018 01:41 PM
सरकार ने प्रदेश भर में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए कठोर निर्णय लिया और जिला व उपमंडल स्तरीय प्रशासन ने सरकार के आदेशों पर अमल करते हुए तस्करों पर कई बार जुर्माना तक किया। इसके बावजूद भी अवैध खनन पर इन आदेशों का कोई असर होता नहीं दिख रहा है और...
सलूणी: सरकार ने प्रदेश भर में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए कठोर निर्णय लिया और जिला व उपमंडल स्तरीय प्रशासन ने सरकार के आदेशों पर अमल करते हुए तस्करों पर कई बार जुर्माना तक किया। इसके बावजूद भी अवैध खनन पर इन आदेशों का कोई असर होता नहीं दिख रहा है और बेखौफ होकर अपने इस कार्य को अंजाम देकर लाखों रुपए कमा रहे हैं। इन दिनों बैरा-स्यूल नदी में सुंडला व इसके आसपास 40-50 ट्रैक्टर मालिक व चालक नदी से हर दिन अवैध तरीके से टनों के हिसाब से रेत निकालकर लोगों को ऊंचे दामों पर बेच कर मोटी कमाई कर रहे हैं। हैरानी की बातयह है कि 30 ट्रैक्टर बिना नम्बर के हैं जो इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं, ऐसे में पुलिस दल के मौके पर पहुंचने से पहले ही पुलिस की भनक लगते ही ट्रैक्टर चालक इसे छोड़कर भाग जाते हैं।
पुलिस को बिना नंबर वाले ट्रैक्टरों का चालान करना मुश्किल हो रहा है। बैरा स्यूल नदी में इन दिनों हालात ऐसे हैं ट्रैक्टर वाले इस क्षेत्र में अपना कब्जा जमा कर बैठे हैं और अन्य गाड़ियों व मकान का निर्माण कर रहे लोगों को वहां से रेत खुद निकालने नहीं देते हैं और मजबूर होक र लोगों को अपने मकान के निर्माण में हो रही देरी को देखकर न चाहते हुए भी महंगे दामों पर रेत खरीदनी पड़ रही है। प्रशासन ने भी कई बार मौके पर जाकर जुर्माना तक किया परंतु अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा। चौहड़ा डैम से पानी को छोड़ते ही यहां चंद लोग नदी में अपना कब्जा कर बैठते हैं।
कई बार तो यह पानी के बीच जान जोखिम में डालकर अपने कार्य को अंजाम देने से भी गुरेज नहीं करते। जब भी अवैध खनन को रोकने के लिए माइनिंग, वन विभाग व पुलिस प्रशासन बिना किसी को सूचना दिए तस्करों को पकडऩे के लिए अपना अभियान छेड़ते हैं तो इन तस्करों के कार्यालयों में सूत्र इतने मजबूत बन गए हैं कि मौके पर पहुंचने से पूर्व ही ये लोग वहां से भाग निकलते हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे करने से जहां नदी-नालों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं अवैध तरीके से नदी से रेत व पत्थर निकालने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और लोगों को भी अपने मकान के निर्माण के लिए रेत लेना मुश्किल हो रहा है।
अवैध खनन को रोकने के लिए सभी विभागों को शक्तियां प्रदान हैं लेकिन पुलिस विभाग के सिवाय अन्य अधिकारी इसमें रुचि नहीं दिखाते हैं जिस वजह से अवैध तस्करों के हौसले बुलंद हैं। अगर सभी विभाग अवैध खनन को रोकने के लिए मिलकर कार्य करते हैं तो इस पर लगाम लगाई जा सकती है। लोगों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।