डयोड गांव में ACC का बैचिंग Plant बना बीमारियों का घर, प्रशासन सो रहा कुंभकरण की नींद(Video)

Edited By kirti, Updated: 01 Feb, 2019 12:33 PM

मंडी जिला में इन दिनों कीरतपुर से मनाली तक बनने जा रहे फोरलेन का निर्माण कार्य जोरों से चला हुआ है। इस कार्य को जहां निर्माण कार्य में लगी कंपनियां समय रहते पूरा करना चाहती हैं। लेकिन कंपनियों की रफ्तार कहीं-कहीं पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती...

मंडी(नीरज): मंडी जिला में इन दिनों कीरतपुर से मनाली तक बनने जा रहे फोरलेन का निर्माण कार्य जोरों से चला हुआ है। इस कार्य को जहां निर्माण कार्य में लगी कंपनियां समय रहते पूरा करना चाहती हैं। लेकिन कंपनियों की रफ्तार कहीं-कहीं पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। डयोड गांव की बात करें तो यहां के लोग गांव में लगे बैचिंग प्लांट के कारण परेशान हो गए हैं। बैचिंग प्लांट दिन रात काम करता है और इससे होने वाले शोर के कारण न तो रात को नींद नसीब हो रही है और न ही दिन को चैन मिल रहा है। ग्रामीणों की मानें तो बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका विपरित असर पड़ रहा है। वहीं बैचिंग प्लांट के कारण हवा में जो प्रदूषण फैल रहा है उससे ग्रामीणों को बीमारियां घेरती जा रही हैं। डयोड गांव निवासी हीरामणी और भूषणा देवी ने बताया कि बैचिंग प्लांट के कारण हवा में जो धूल-मिट्टी आ रही है उससे बीमारियां फैल रही हैं जोकि ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इन्होंने मांग उठाई है कि इस बैचिंग प्लांट को तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए।

वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि गांव में बैचिंग प्लांट को धोखे से स्थापित किया गया है। स्थानीय निवासी देवी सिंह ने बताया कि गांव के ही कुछ लोगों ने इस प्लांट के लिए अपनी नीजि भूमि लीज पर दी है। उस वक्त अशोक चौहान एंड कंपनी ने यहां पर वर्कर कलौनी बनाने की बात कही थी, लेकिन बाद में यहां बैचिंग प्लांट लगा दिया गया। देवी सिंह की मानें तो गांव के पास हर तरफ प्रदूषण फैल रहा है। एक तरफ बैचिंग प्लांट के कारण जीना दुश्वार हुआ है वहीं दूसरी तरफ मक डम्पिंग के कारण हाल बेहाल है। वहीं ग्रामीण रोत राम ने बताया कि उसकी जमीन पर बीना अनुमति के मलबा फैंका जा रहा है और कंपनी बदले में मुआजवा भी नहीं देर ही है। इन्होंने सरकार और प्रशासन से इस पर कार्रवाई की मांग उठाई है।

वहीं जब इस बारे में अशोक चौहान एंड कंपनी के एचआर मैनेजर रोहित शर्मा से बात की गई तो उन्होंने ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि कंपनी के पास पंचायत से लेकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड तक की एनओसी है और सभी नियमों के तहत ही बैचिंग प्लांट लगाया गया है। उन्होंने कहा कि प्लांट से किसी को भी कोई परेशानी नहीं हो रही है। बता दें कि अशोक चौहान एंड कंपनी के पास फोरलेन निर्माण की चार टनलों का कार्य है और इसके लिए रेत-बजरी और सीमेंट का जो भी मैटेरियल इस्तेमाल हो रहा है उसकी मिक्सिंग इसी बैचिंग प्लांट में हो रही है। हालांकि इस बारे में ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन को लिखित में ज्ञापन सौंपे हैं और ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का इंतजार है ताकि गांव में फैल रहे प्रदूषण को रोका जा सके।

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