Edited By prashant sharma, Updated: 24 Jan, 2022 05:15 PM
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर तमिलनाडु में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली होनहार छात्रा लावण्या को मतांतरण करने के लिए प्रताड़ित करने के विरोध में तमिलनाडु सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
शिमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर तमिलनाडु में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली होनहार छात्रा लावण्या को मतांतरण करने के लिए प्रताड़ित करने के विरोध में तमिलनाडु सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। अभाविप इस पर उचित कार्रवाई करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के बाद उपायुक्त माध्यम से तमिलनाडु के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एबीवीपी इकाई अध्यक्ष आकाश नेगी ने जानकारी देते हुए बताया की सेक्रेड हार्ट्स हाई स्कूल, तंजावुर, तमिलनाडु के छात्रा एम लावण्या की आत्महत्या से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हमारे देश का पूरा युवा बेहद सदमे और पीड़ा में है। यह हमें क्रोध दिलाता है कि लावण्या को ईसाई मत में जबरन मतांतरण के प्रयास के कारण हुई भयावहता के कारण अपना जीवन समाप्त करना पड़ा, जिसे उसने सचेत अवस्था में रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में गवाही दी थी।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने दोषियों को न्याय दिलाने के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं किया है। इसपर प्रकाश डालते हुए और देश भर में कई मिशनरी स्कूलों के तत्वावधान में चल रहे बड़े पैमाने पर मतांतरण का संज्ञान लेते हुए एबीवीपी मांग करती है किः सभी ईसाई मिशनरी स्कूलों में संस्थागत इंजीलवाद का अंत किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि संस्थागत इंजीलवाद का अभ्यास नहीं किया जाता है, चर्चों और मस्जिदों को स्कूलों से अलग करने के लिए एक उचित नियामक ढांचे को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। जबरन धर्मांतरण को एक दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए और इसलिए मतांतरण विरोधी कानून की बहुत आवश्यकता है और इसे राज्य और पूरे देश में समय पर लागू करना अनिवार्य है। लावण्या और दोषी शिक्षकों पर हो रही क्रूरता को प्रकाश में लाने के लिए उचित और पारदर्शी जांच की जाएगी, इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाना चाहिए। एक अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले आईपीएस अधिकारी को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। विद्यार्थी परिषद मांग करती है जल्द से जल्द इस मामले पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए व अगर इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की जाती तो विद्यार्थी परिषद अपने आंदोलन को और उग्र करेगी।