पुरानी पैंशन लागू न कर मोदी सरकार ने दिया कर्मचारी विरोधी होने का सबूत : अभिषेक

Edited By Vijay, Updated: 22 Jul, 2019 10:05 PM

abhishek rana target on modi government

प्रदेश कांग्रेस सचिव अभिषेक राणा ने पुरानी पैंशन स्कीम को बहाल करने से इंकार करने पर मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि लाखों कर्मचारियों से जुड़े इस मुद्दे पर चुनाव से पहले भाजपा नेताओं का स्टैंड कुछ और था लेकिन अब यू टर्न लेते हुए लाखों...

हमीरपुर: प्रदेश कांग्रेस सचिव अभिषेक राणा ने पुरानी पैंशन स्कीम को बहाल करने से इंकार करने पर मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि लाखों कर्मचारियों से जुड़े इस मुद्दे पर चुनाव से पहले भाजपा नेताओं का स्टैंड कुछ और था लेकिन अब यू टर्न लेते हुए लाखों कर्मचारियों से छल किया गया है। जारी पै्रस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि पैंशन स्कीम के बारे में भाजपा सांसदों ने ही लोकसभा में सवाल किया था, जिस पर केंद्र्र सरकार ने अपने जवाब में स्पष्ट कह दिया कि पुरानी पैंशन स्कीम को लागू नहीं किया जा सकता, जिससे कर्मचारियों में गहरा रोष है तथा सरकार ने कर्मचारी विरोधी होने का भी सबूत दिया है।

अटल सरकार ने ही न्यू पैंशन स्कीम थोपकर छले थे कर्मचारी

उन्होंने कहा कि 2003 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय ही न्यू पैंशन स्कीम को लागू कर लाखों कर्मचारियों के हक व अधिकार को जबरदस्ती छीन लिया गया था। उस समय हिमाचल में भी भाजपा की ही सरकार थी लेकिन केंद्र के ऐसे निर्णय का प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने भी कर्मचारी हित में विरोध नहीं किया और उसके बाद से सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों का बुढ़ापा तंगहाली में बीत रहा है लेकिन भाजपा सरकार को लाखों कर्मचारी व उनके परिवार नहीं दिख रहे हैं।

कर्मचारियों की पुरानी पैंशन बहाली की उम्मीद टूटी

उन्होंने कहा कि पुरानी पैंशन को लेकर ठोस नीति बनाए जाने की बात विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने कही थी लेकिन झूठ व फरेब का सहारा लेकर सत्तासीन हुईं केंद्र व हिमाचल की भाजपा सरकारें इस मुद्दे से पीछे हट गई हैं। पुरानी पैंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों ने जो उम्मीद भाजपा से लगाई थी, वह टूट गई है और अब कर्मचारी भी अगले चुनावों का इंतजार कर रहे हैं ताकि भाजपा के झूठ व फरेब का जवाब उनकी ही भाषा में दे सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी केंद्र व प्रदेश में भाजपानीत सरकारें सत्तासीन होती हैं तो जनविरोधी फैसले लेकर जनता का जीवन दूभर कर देती हैं।

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