Edited By Simpy Khanna, Updated: 05 Dec, 2019 05:04 PM
बंदरों के बढ़ते आतंक को लेकर शिमला के एक निजी होटल में हुए सम्मेलन को लेकर किसान सभा हिमाचल के राज्याध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने सवाल उठाए हैं । तंवर ने कहा है कि सरकार बंदरों की समस्या को हल करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
शिमला (योगराज) : बंदरों के बढ़ते आतंक को लेकर शिमला के एक निजी होटल में हुए सम्मेलन को लेकर किसान सभा हिमाचल के राज्याध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने सवाल उठाए हैं । तंवर ने कहा है कि सरकार बंदरों की समस्या को हल करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।
सरकार ने शिमला में एक पांच सितारा होटल में बंदरों की समस्या से निपटने के लिए एक सेमिनार आयोजित किया जिसमें अधिकारियों और कुछ जनता के प्रतिनिधियों को बुलाया गया और समस्या से निपटने के लिए सुझाव मांगे गए लेकिन सेमिनार में वाइल्ड लाइफ विभाग ने एक भी किसान को नहीं बुलाया जो बंदरो के आतंक का सबसे ज्यादा शिकार है। वन मंत्री बंदरों के आतंक से परेशान पंचायतों का भी गलत आकंड़ा बात रहे हैं।बंदरो के आतंक से प्रदेश की ज्यादातर पंचायतों के किसान खेती छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
सरकार ने बंदरो को वर्मिन घोषित किया है लेकिन बंदरो को मारने के लिए खुद विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है।लोगों ने खुद ही बंदरो को जहर देकर मारना शुरू कर दिया है।सरकार नसबंदी से बंदरो की समस्या से निपटने को कारगर बता रही है जबकि सच्चाई यह है कि नसबंदी में करोड़ों बर्बाद करने के बावजूद भी बंदरों की संख्या कम नहीं हुई है।कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि सरकार ने अगर जल्द ही बंदरो की समस्या से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो किसान सभा प्रदेश में इसको लेकर एक बड़ा आंदोलन करेगी।