एक ऐसा स्कूल जहां बच्चों को नहीं भेजना चाहते अभिभावक, वजह जान रह जाएंगे हैरान

Edited By Ekta, Updated: 28 May, 2019 04:14 PM

a school where parents do not want to send children

सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के बच्चे जर्जर स्कूल बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बात हो रही है सुंदरनगर के हराबाग राजकीय प्राथमिक पाठशाला की यहां पर आलम यह है कि स्कूल भवन के आसपास की जमीन पूरी तरह से धंस चुकी है। इस कारण स्कूल की...

सुंदरनगर (नितेश सैनी): सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के बच्चे जर्जर स्कूल बिल्डिंग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बात हो रही है सुंदरनगर के हराबाग राजकीय प्राथमिक पाठशाला की यहां पर आलम यह है कि स्कूल भवन के आसपास की जमीन पूरी तरह से धंस चुकी है। इस कारण स्कूल की सुरक्षा देवार समेत परिसर में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। स्कूल पहुंचने के लिए खड्ड पर बना पुल कभी भी गिर सकता है। स्कूल की जमीन धंसने के कारण शिक्षकों समेत अभिभावकों को बच्चों की चिंता सुबह से लेकर शाम तक सताती रहती है। स्कूल में पहली से 5वीं कक्षा तक 33 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं। हाल ही में स्कूल प्रबंधन ने एसएमसी के साथ मिलकर नर्सरी। कक्षाएं भी शुरू की हैं। नर्सरी कक्षा में 6 छोटे-छोटे बच्चे हैं। 
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ग्रामीणों की माने तो स्कूल भवन के साथ गहरी खड्ड है। यहां पर पिछले दिनों हुई भारी बारिश के बाद स्कूल की दीवार में दरारें आना शुरू हुई थी, लेकिन अब यह भवन इस्तेमाल करने के लायक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में पिछले 10 माह में कई बार स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग को ज्ञापन देकर स्कूल सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की मांग उठाई गई है। लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में अब अभिभावकों ने स्कूल में बच्चों को भेजना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल को किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं भेजा जाता है तब तक अभिवावक अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए नहीं भेजेंगे।
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आपको बता दें कि एक तरफ सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे करती नहीं थकती तो दूसरी तरफ सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला की सुंदरनगर विधानसभा में स्कूलों की हालत ठीक नहीं हैं। अब देखना होगा सरकार कब बच्चों के भविष्य के लिए फैसला लेती है। स्थानीय निवासी ठाकुर दास ने मौजूदा हालात को देखते हुए कहा की आज स्कूल में बच्चे पढ़ने के लिए नहीं पहुंचे क्योंकि स्कूल की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं जिसकी वजह से स्कूल कभी भी गिर सकता है। कई बार प्रशासन से मांग की गई है लेकिन एक साल बाद भी प्रशासन द्वारा इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। जल्द ही बरसात का मौसम आने वाला है जिसकी वजह से स्कूल कभी भी गिर सकता है तो बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया है।
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मामले की जानकारी देते हुए चमुखा पंचायत प्रधान कौशल्य देवी ने कहा कि स्कूल व स्कूल के साथ लगते पुल में पड़ी दरारों को लेकर कई बार स्थानीय प्रसाशन और जिला प्रशासन से मांग की गई है, लेकिन आज तक समस्या का हल नहीं हो पाया है। पंचायत के पास बजट कम होता है इस लिए पंचायत अपने स्तर पर इस काम को नहीं करवा सकती। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चे डर के साये में जीने को मजबूर है इसलिए बच्चों के अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है इस वजह से बच्चों की पढ़ाई भी खराब हो गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द पैसे का प्रावधान कर स्कूल को ठीक करवाया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई खराब न हो सके।

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