Edited By kirti, Updated: 05 May, 2018 02:24 PM
नगर परिषद पांवटा साहिब में बड़ा घोटाला सामने आया है।आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष हुई शहर के 8 वार्डों में 10 लाख रुपए खर्च करके 661 ट्रॉली निर्माण सामग्री (गटका) डाली गई है। जिसके लिए न तो कोई टेंडर किया गया और न ही एमफार्म...
पांवटा साहिब(सतीश): नगर परिषद पांवटा साहिब में बड़ा घोटाला सामने आया है।आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते वर्ष हुई शहर के 8 वार्डों में 10 लाख रुपए खर्च करके 661 ट्रॉली निर्माण सामग्री (गटका) डाली गई है। जिसके लिए न तो कोई टेंडर किया गया और न ही एमफार्म लगाया गया। सिर्फ पार्षदों के लैटरहेड पर ट्रॉलियों की संख्या लिखकर दी गई और ठेकेदार के नाम 10 लाख की पेमेंट कर दी गई। बताया जा रहा है कि शहर के सभी वार्डों में अधिकतर गलियां पहले से ही पक्की हैं जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि नगर परिषद में 8 पार्षदों द्वारा 10 लाख का गटका गटक लिया गया है।
आरटीआई के खुलासे में सामने आया
आरटीआई के खुलासे में सामने आया है कि बीते वर्ष बरसात के दौरान शहर के 8 वॉर्डों में गलियों की स्थिति खराब होने के बाद एक गुपचुप बैठक में फैसला लिया गया कि बिना टेंडर ही पिछले रेट पर वार्डों में गटका बिछा दिया जाए। जिसके बाद फिर शुरू हुई 10 लाख के घोटाले की रणनीती। इस पूरे घोटाले में पार्षदों द्वारा मात्र सत्यापित पत्र देकर ठेकेदार राजेन्द्र के नाम 9 लाख 91 हजार 150 रूपये की धनराशि रिलीज भी कर दी गई। जबकि शहर के वार्ड नम्बर 5, 7 व 10 वार्डों में एक भी गटके का टैक्टर नहीं डाला गया है. कागजों में गटके से भरे जाने वाले गड्ढों से लगता है कि पूरा शहर ही गढ्ढों में जी रहा था।
विधायक सुखराम चौधरी ने कहा
इतना ही नहीं आरटीआई द्वारा प्राप्त दस्तावेज़ों में कई वार्डों में ट्रैक्टरों के चक्करों को लेकर भी साफ तौर पर धांधली दिखाई दे रही है, जिसमें पार्षदों द्वारा संख्या को ओवरराइट कर बदला साफ दिख रहा है जोकि भाजपा समर्थित नगर परिषद द्वारा किये गये घोटाले की बानगी है। इस बारे में जब नप अध्यक्षा कृष्णा धीमान से पूछा गया तो उन्होंने हर बार की तरह मीडिया के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया। वहीं उसके बाद इस बाबत नगर परिषद उपाध्यक्ष भी सारे मामले को यह कहते हुए हंसी-खेल में टालते नज़र आये कि वे अपने वार्ड सहित समूचे शहर में गिराए गए गटके की पूर्ण जिम्मेदारी लेते हैं। इसके साथ ही आरटीआई से प्राप्तदस्तावेजों को नकारते हुए उन्होंने दावा किया कि मीडिया सहित कोई भी व्यक्ति नगर परिषद से इसकी पूरी जानकारी ले सकता है। उधर इस सारे मामले में स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी का कहना है कि उन्हें इस बारे कोई जानकारी नहीं है। मामले की जांच की जाएगी और यदि कोई धांधली पाई गई तो उचित कार्यवाही होगी।