Edited By kirti, Updated: 14 May, 2018 04:18 PM
हिमाचल के प्राइमरी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने के सरकारी दावों की पोल खुल गई है। हिमाचल में करीब 10700 प्राइमरी स्कूल है और इनमे 26 हजार अध्यापक शिक्षा दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने पहली से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए जेबीटी या डीएलएड का...
धर्मशाला(निप्पी) : हिमाचल के प्राइमरी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने के सरकारी दावों की पोल खुल गई है। हिमाचल में करीब 10700 प्राइमरी स्कूल है और इनमे 26 हजार अध्यापक शिक्षा दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने पहली से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए जेबीटी या डीएलएड का कोर्स अनिवार्य कर रखा है। लेकिन सरकारी प्राइमरी स्कूलों में सेवाएं दे रहे करीब 9 हजार अध्यापक ऐसे भी हैं जो केंद्र सरकार के मापदंडों पर खरे नहीं उतरे। क्योंकि इनके पास ऐसी कोई डिग्री व पात्रता नहीं है। ऐसे में अपनी नौकरी को बचाने के लिए इन अध्यापकों ने डीएलएड करने के लिए एनआईओएस में प्रवेश लिया है।
8 हजार अध्यापकों ने डीएलएड के लिए दाखिला ले लिया
एनआईओएस क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला के निदेशक संजीव शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश भर में ये अध्यापक एलिमेंटरी कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। उनमें से 8 हजार अध्यापकों ने डीएलएड के लिए दाखिला ले लिया है। उन्होंने कहा अध्यापकों को अपनी योग्यता पूरी करने के लिए 2 साल का समय दिया गया है। उन्होंने कहा एनआईओएस से 20 माह में डीएलएड कर सकते हैं। समय अवधि पूरी होने के बाद अपात्र शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।