बारिश न होने से किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी, 70 प्रतिशत गेहूं की फसल ‘तबाह’

Edited By Vijay, Updated: 13 Mar, 2021 04:33 PM

70 percent wheat crop destroyed due to lack of rain

जिला में इस बार सूखे की स्थिति पैदा हो गई है जिस कारण किसानों के चेहरों पर ङ्क्षचता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। सूखे के कारण इस बार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। जानकारी के अनुसार जिला में अभी तक लगभग 70 प्रतिशत गेहूं की फसल तबाह हो चुकी है और...

बिलासपुर (बंशीधर): जिला में इस बार सूखे की स्थिति पैदा हो गई है जिस कारण किसानों के चेहरों पर ङ्क्षचता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। सूखे के कारण इस बार गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। जानकारी के अनुसार जिला में अभी तक लगभग 70 प्रतिशत गेहूं की फसल तबाह हो चुकी है और जो फसल शेष बची है उसके बर्बाद होने की भी संभावना जताई जा रही है। बीते दिनों हल्की बूंदाबांदी के साथ आए अंधड़-तूफान ने भी किसानों को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है जिस कारण कृषि विभाग के इस बार जिला में गेहूं का 49000 मीट्रिक टन उत्पादन करने के लक्ष्य पर पानी फिर गया है।

जानकारी के मुताबिक जिला में 25 हजार हैक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है। हालांकि शुरू में किसानों को बंपर फसल होने की उम्मीद थी लेकिन इस बार तापमान में एकाएक उछाल आने और बारिश भी कम होने तथा सूखा पड़ने के कारण किसानों की उम्मीदें पूरी तरह धराशायी हो गई हैं। हालांकि इस बार गेहूं की फसल पीला रतुआ के कहर से बची रही लेकिन उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं हुई, जिससे फसलों को नुक्सान हुआ है और जो पिछले दिनों बारिश हुई वह भी फसल की ग्रोथ के लिए कारगर साबित नहीं हुई। सूखे की स्थिति ने फसलों को नुक्सान पहुंचाया है।

कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार जिला में 70 प्रतिशत फसल अभी तक तबाह हो चुकी है और आगे भी स्थिति यथावत बने रहने से फसलों को बड़े स्तर पर नुक्सान पहुंचने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। किसानों को जागरूक करने के लिए विभाग की ओर से जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें बैंकों के साथ-साथ विभिन्न विभागों का सहयोग भी लिया जा रहा है। विभागीय विशेषज्ञों का कहना है कि जिन किसानों ने बैंकों से क्रॉप्स लोन ले रखा है उनकी फसलों का स्वत: ही बीमा हो गया है जिस कारण बीमा करवाने वाले किसानों को तो राहत मिल जाएगी लेकिन जिन्होंने फसल बीमा नहीं कराया है उन्हें यह राहत नहीं मिल पाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से बीज पर साबसिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार 2017-18 में फसल बीमा योजना के तहत 4 करोड़ रुपए आबंटित किए गए थे। इस वित्त वर्ष में 15 दिसम्बर तक फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाने की डैडलाइन तय की गई थी जिसके बारे में किसानों को घर-द्वार जागरूक किया गया। विभाग द्वारा लोगों को फसल बीमा करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए जिला के 240 गांवों में जागरूकता वैन के माध्यम से फसल बीमा योजना का प्रचार-प्रसार किया गया था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिला में फसल लोन लेने वाले 10 हजार से अधिक किसानों की फसलों का बीमा हुआ है। विभागीय नियमानुसार 30 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से किसानों को फसल बीमा दिए जाने का प्रावधान है।

कृषि उपनिदेशक बिलासपुर डाॅ. कुलदीप पटियाल ने बताया कि इस बार उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं हुई और सूखे की स्थिति पैदा होने से जिला में गेहूं की फसल को अभी तक करीब 70 फीसदी नुक्सान हो चुका है। विभागीय टीमें किसानों को जागरूकता कैंपों के माध्यम से जागरूक कर रही हैं।

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