20 सालों से नगर निगम के 70 जूनियर असिस्टैंट कर्मचारियों को नहीं मिली प्लेसमेंट

Edited By Ekta, Updated: 09 Dec, 2018 03:27 PM

70 junior assistant employees of municipal corporation did not get placement

नगर निगम के 70 जूनियर असिस्टैंट कर्मचारियों की प्लेसमेंट (पदस्थापना) का मामला सिरे नहीं चढ़ पाया है। पिछले 20 सालों से नगर निगम के यह कर्मचारी देय तिथि से पदस्थापना की दरकार प्रशासन से लगाए हुए है, लेकिन सालों से झूठे आश्वासन के अलावा इन कर्मचारियों...

शिमला (वंदना): नगर निगम के 70 जूनियर असिस्टैंट कर्मचारियों की प्लेसमेंट (पदस्थापना) का मामला सिरे नहीं चढ़ पाया है। पिछले 20 सालों से नगर निगम के यह कर्मचारी देय तिथि से पदस्थापना की दरकार प्रशासन से लगाए हुए है, लेकिन सालों से झूठे आश्वासन के अलावा इन कर्मचारियों को और कुछ नहीं मिला है। इन 70 जूनियर असिस्टैंट कर्मचारियों की प्लसमेंट की फाईल पदस्थापना शाखा व सामान्य शाखा में गुम होकर रह गई है, लेकिन अब तक मामले पर कोई सुनवाई नहीं की गई है। प्रशासन की लचरकार्य प्रणाली का खामियाजा निगम के इन कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। 

20 सालों से कर्मचारियों को मिलता आया है आश्वासन

वर्ष 1999 से इन 70 कर्मचारियों की पदस्थापना का मामला लंबित पड़ा है, इससे कर्मचारियों को भारी वित्तिय नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन की ओर से कई बार प्रशासन के पास यह मामला उठाया गया है लेकिन यहां भी सिर्फ आश्वासन ही 20 सालों से कर्मचारियों को मिलता आया है। ऐसे में अब थकहार कर कर्मचारी अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे है, ताकि सालों से लंबित पड़ी उनकी प्लेसमेंट पर कोई फैसला हो सके। उन्हें वित्तिय लाभ व सुविधाएं मिल सके। 

एडहॉक के आधार पर पदोन्नति का मामला भी लटका

नगर निगम में एड हॉक (तदर्थ )आधार पर 8 पदों को भरने का मामला भी पिछले 3 सालों से फाईलों में लटका हुआ हैं।नगर निगम में 7 कर्मचारी बतौर वरिष्ठ सहायक का कार्य कर रहे है जबकि 1 कर्मचारी अधीक्षक का कार्य संभाल रहा है ऐसे में प्रशासन को स्थाई नियुक्ति होने तक इन पदों पर 8 कर्मचारियों को तदर्थ आधार पर प्रमोट कर देना चाहिए। ये कर्मचारी निगम में काफी लंबे समय से वरिष्ठ सहायक व अधीक्षक का कार्यभार देख रहे हैं। मामले को लेकर संघ के पदाधिकारियों ने कई बार मेयर कुसुम सदरेट व आयुक्तसे मुलाकात कर अपना पक्ष रखा हैं। 

कर्मचारियों के 280 से अधिक पद चल रहे है खाली

नगर निगम में कर्मचारियों के विभिन्न श्रेणियों में लंबे समय से 280 से अधिक पद रिक्त चल रहे है। मिनिस्ट्रियल स्टाफ संघ समय समय पर इन पदों को भरने की मांग प्रशासन से की है। कर्मचारी संघ का कहना है कि नगर निगम में 280 से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं जबकि एम.सी से हर महीने कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं जिससे मौजूदा कर्मचारियों पर अतिरिक्त काम का बोझ पड़ रहा है ऐसे में कर्मचारी संघ ने प्रशासन को जल्द खाली पदों को भरने की मांग प्रशासन से की है। वहीं निगम प्रशासन की ओर से नगर निगम की परिधि में विस्तार होने के कारण 714 नए पद सृजित कर भरने की मांग की है। प्रशासन की ओर से कुल 934 पदों को भरने की मांग सरकार की जा चुकी है। 

कर्मचारियों का अपग्रेडेशन का मामला भी ठंडे बस्ते में

नगर निगम के सैकड़ों कर्मचारियों को लंबे समय से प्रमोशन नहीं मिली हैं। कर्मचारियों के अपग्रेडेशन का मामला निगम ने सरकार को कई बार भेजा हैं। पूर्व सरकार में भी मामला विभाग के समक्ष उठाया गया था लेकिन अब तक कर्मचारियों के अपग्रेडेशन का मामला भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ हैं। निगम कर्मचारियों को पिछले 25 सालों से विभिन्न पदों में क्रमोंन्नतियां नहीं मिली है। 

क्या कहते है संघ के पदाधिकारी

मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष ओ.पी. ठाकुर व महासचिव सुरेश शर्मा का कहना है कि 70 जूनियर असिस्टैंट कर्मचारियों की प्लेसमेंट का मामला नगर निगम प्रशासन के समक्ष उठाया गया है लंबे समय से कर्मचारियों को पदस्थापना नहीं मिली है जिससे वित्तीय नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा हैं। प्रशासन की ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया हैं। इसके अलावा खाली पदों को भरने व कर्मचारियों के अपग्रेडेशन का मामला भी प्रशासन के समक्ष उठाया गया है। नगर निगम के 70 जूनियर असिस्टैंट कर्मचारियों को प्लेसमेंट देने को लेकर कर्मचारी यूनियन ने मांग उठाई है। मामले पर जल्द ही उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

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