जयराम सरकार के 6 महीने पूरे, कई वायदे अभी अधूरे

Edited By kirti, Updated: 10 Jul, 2018 11:32 AM

6 months of jairam sarkar s full many futures are still incomplete

प्रदेश में जयराम सरकार का 6 महीने का कार्यकाल पूरा हो चुका है। सोलन में इन 6 महीनों में सरकार कई वायदों को पूरा करने में विफल रही है। इसके कारण कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाने भी शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 14 अप्रैल को सब्जी मंडी...

सोलन : प्रदेश में जयराम सरकार का 6 महीने का कार्यकाल पूरा हो चुका है। सोलन में इन 6 महीनों में सरकार कई वायदों को पूरा करने में विफल रही है। इसके कारण कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाने भी शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 14 अप्रैल को सब्जी मंडी सोलन में बावा साहेब डा. भीमराव अम्बेदकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय अस्पताल में चरणबद्ध रूप से 10 डाक्टरों के नए पद सृजित करने की घोषणा की थी।

इस घोषणा करीब 3 माह बाद भी अस्पताल में डाक्टरों की संख्या में कोई बढ़ौतरी नहीं हुई है। इस दौरान डाक्टरों की संख्या को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल में 3 युवक आमरण अनशन पर ही बैठ गए थे। इसके बाद अस्पताल की ओ.पी.डी. में 3 अतिरिक्त डाक्टरों को बैठाने की व्यवस्था की गई थी लेकिन यह वैकल्पिक व्यवस्था भी सुचारू रूप से नहीं चल रही है। पूर्व कांग्रेस सरकार में सोलन अस्पताल में बिस्तरों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 200 किया गया था लेकिन डाक्टरों के नए पद सृजित नहीं किए गए।

इसके कारण रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डाक्टरों के नए पद सृजित न होने के कारण क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इसी तरह पिछले 6 महीने में सोलन नगर परिषद को स्थायी कार्यकारी अधिकारी (ई.ओ.) नहीं मिला है। नगर परिषद अभी प्रतिनियुक्ति पर ही चली हुई है। 6 महीने में सोलन नगर परिषद में 6 कार्यकारी अधिकारी बदले जा चुके हैं। कभी तहसीलदार, कभी आर.टी.ओ. तो कभी परवाणु के ई.ओ. को अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है।

स्थिति यह हो गई है कि पिछले 6 महीनों में नगर परिषद सोलन में विकास की योजनाओं को एक भी टैंडर नहीं लगा है। वर्तमान में परवाणु के ई.ओ. को नगर परिषद सोलन का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। अब उम्मीद की जा रही है कि नगर परिषद सोलन में रुके विकास कार्यों को गति मिलेगी। विस चुनाव में सोलन को नगर निगम बनाना मुख्य मुद्दा था लेकिन अब इसकी फाइलों पर पड़ी धूल छंटने का नाम नहीं ले रही है। 

हालांकि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद शहर के साथ सटी करीब 8 ग्राम पंचायतों से उनके कुछ क्षेत्र को नगर निगम में मिलाने के लिए एन.ओ.सी. मांगी गई थी लेकिन इसके बाद यह प्रक्रिया इससे आगे नहीं बढ़ी। हालांकि 6 महीने के कार्यकाल से सरकार की परफार्मैंस का आकलन नहीं किया जा सकता है लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अब सरकार पर निशाने साधने शुरू कर दिए हैं। 

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