Edited By Ekta, Updated: 24 Jun, 2018 12:04 PM
केंद्र सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर करवाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसको लेकर जल्द ही राइट टू एजुकेशन (आर.टी.ई.) एक्ट में संशोधन कर इसे संसद से स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। हाल ही में दिल्ली में राज्यों के साथ हुई नीति आयोग की...
शिमला: केंद्र सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर करवाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसको लेकर जल्द ही राइट टू एजुकेशन (आर.टी.ई.) एक्ट में संशोधन कर इसे संसद से स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। हाल ही में दिल्ली में राज्यों के साथ हुई नीति आयोग की बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन मंंत्री प्रकाश जावेड़कर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि देश के अधिक तर राज्य अब पांचवीं और आठवीं कक्षा के बोर्ड पेपर करवाने को लेकर अपनी सहमति जता रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने भी इस मामले पर गहनता से विचार-विमर्श कर पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर करवाने का फैसला लिया है।
सूत्रों की मानें तो अगले शैक्षणिक सत्र से उक्त दोनों कक्षाओं के बोर्ड पेपर करवाए जाएंगे। हालांकि इस दौरान देश के दक्षिण राज्य इससे सहमत नहीं हैं, इसको देखते हुए केंद्र सरकार इसमें नए प्रावधान कर सकती है। इन परीक्षाओं को करवाना या न करवाना, ये अधिकार राज्य सरकारों को दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि देश में आर.टी.ई. एक्ट लागू होने के बाद से पहली से आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जा सकता। मौजूदा समय में इन कक्षाओं में छात्रों की असैसमैंट की जाती है।
सरकार विधानसभा में पास कर चुकी है प्रस्ताव
पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर करवाने के लिए हिमाचल सरकार विधानसभा में प्रस्ताव पास कर चुकी है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार आर.टी.ई. एक्ट में संशोधन कर इसे लागू करती है तो हिमाचल में पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर लिए जाएंगे। गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी कई बार यह मामला केंद्र के समक्ष उठाया था। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी कई बार पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर करवाने की पैरवी कर चुके हैं।
नहीं मिल पाता अच्छा रिजल्ट
प्रदेश में 10वीं और 12वीं कक्षा के अच्छे रिजल्ट न आने का कारण पहली से आठवीं कक्षा तक बोर्ड पेपर न होना है। विशेषज्ञों की मानें तो इस व्यवस्था से छात्रों का आकलन नहीं हो पाता है, आठवीं तक तो छात्र आसानी से पास हो जाते हैं लेकिन जब वे 10वीं कक्षा के बोर्ड पेपर में बैठते हैं तो वे अच्छी परफोर्मस नहीं दे पाते। इस कारण प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं के अच्छे परिणाम नहीं आ रहे हैं। ऐसे में यदि पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के बोर्ड पेपर शुरू होते हैं तो इससे छात्रों को फायदा होगा।