Edited By Vijay, Updated: 20 Mar, 2021 10:24 PM
आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को ध्वनिमत से पारित किया। ऐसे में बजट पारित होने के बाद सरकार को प्रदेश की संचित निधि से 53 हजार 484 करोड़ 78 लाख से अधिक की राशि को खर्च करने का अधिकार मिल गया है। बजट पारित होने...
शिमला (राक्टा): आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शनिवार को ध्वनिमत से पारित किया। ऐसे में बजट पारित होने के बाद सरकार को प्रदेश की संचित निधि से 53 हजार 484 करोड़ 78 लाख से अधिक की राशि को खर्च करने का अधिकार मिल गया है। बजट पारित होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने ठीक 3 बजे सदन में गिलोटिन लागू किया। गिलोटिन लागू होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विनियोग विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। इसके बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया। मुख्यमंत्री ने बीते 6 मार्च को प्रदेश विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्तुत किया था। बजट पर विपक्ष की तरफ से लाया गया कटौती प्रस्ताव ध्वनिमत से सदन में गिर गए।
विनियोग विधेयक में 41 हजार 726 करोड़ 68 लाख 9 हजार रुपए राजस्व तथा 11 हजार 758 करोड़ 70 लाख 82 हजार रुपए पूंजीगत व्यय होगा। विनियोग विधेयक में विधानसभा, राज्यपाल व मंत्री परिषद, न्याय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, जिला प्रशासन, भू-राजस्व, पुलिस, शिक्षा, आबकारी एवं कराधान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कृषि, बागवानी, सिंचाई एवं जलापूॢत सहित तमाम विभागों के राजस्व व पूंजीगत खर्चों का अलग-अलग ब्यौरा मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्तुत किया।
सरकार ने बजट में 12 नई योजनाओं को भी शामिल किया है। इसके साथ ही आगामी वित्त वर्ष में विभिन्न विभागों में 30 हजार क्रियाशील पद भरने की बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने करमुक्त बजट पेश किया है। बजट में न्यूनतम दिहाड़ी में 25 रुपए की बढ़ौतरी की है। इसके तहत दिहाड़ी को 275 रुपए प्रति दिन से बढ़ाकर 300 रुपए किया गया है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में भी 300-300 रुपए की बढ़ौतरी की गई है।