Edited By Ekta, Updated: 07 Jan, 2019 05:05 PM
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में स्वास्थ्य सेवाएं चमरा सकती है। आई.जी.एम.सी. में आउटसोर्स पर तैनात लगभग 500 कर्मचारी ने अपनी मांगों को लेकर 2 दिनों की हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। कर्मचारियों आज यानी मंगलवार से हड़ताल पर...
शिमला (जस्टा): हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई.जी.एम.सी. में स्वास्थ्य सेवाएं चमरा सकती है। आई.जी.एम.सी. में आउटसोर्स पर तैनात लगभग 500 कर्मचारी ने अपनी मांगों को लेकर 2 दिनों की हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। कर्मचारियों आज यानी मंगलवार से हड़ताल पर होंगे। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मुख्य मांगों में प्रदेश में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के लिए तुरंत निति बनाई जाएं। आउटसोर्स कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सामान काम का सामान वेतन लागू करना, ठेके और आउटसोर्स पर भर्ती बंद किया जाए और भविष्य में सभी विभागों में स्थाई भर्ती की जाए।
उन्होंने कहा कि नियमित कर्मचारी को मिलने वाले लाभ भी आउटसोर्स कर्मचारियों को दिए जाए, जिसमे छुट्टियां, पैंशन, ग्रेचुटी, ई.पी.एफ. व बोनस शामिल है। उन्होंने कहा कि वह बीते कई सालों से अपनी मांग संरकार के समक्ष रखते आए है, लेकिन अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ है। आउट सोर्स कर्मचारी अपनी इन्ही मांगों को लेकर 8 व 9 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे और अपनी मांग पूरा करने की मांग करेंगे।
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से आई.जी.एम.सी. में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा सकती है, क्योंकि आई.जी.एम.सी. हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। ऐसे में यहां पर सबसे ज्यादा भीड़ हो जाती है। अगर कर्मचारी एक दिन भी हड़ताल पर जाते है तो अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा ठप्प हो जाती है। आई.जी.एम.सी. की अगर बात की जाए तो यहां पर सारा ज्यादातर काम आऊट सोर्स कर्मवारी का ही होता है। हर वार्ड ओ.पी.डी. सहित अन्य ऑफिस में आऊटसोर्स कर्मचारी ही काम संभाल रहे है। हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवा चरमरानी निश्ति है।