Edited By kirti, Updated: 28 Sep, 2018 10:08 AM
छोटा भंगाल में ऑफ सीजन सब्जियों को बारिश लील गई। 7 पंचायतों में लगभग 50 लाख रुपए की फसल बर्बाद हो गई। फूलगोभी, पतागोभी तथा मूली की फसल सड़क मार्ग बाधित होने के कारण बाजार तक नहीं पहुंच पाई तथा रास्ते में ही सड़ गई। यह खुलासा कृषि विभाग द्वारा किए गए...
पालमपुर : छोटा भंगाल में ऑफ सीजन सब्जियों को बारिश लील गई। 7 पंचायतों में लगभग 50 लाख रुपए की फसल बर्बाद हो गई। फूलगोभी, पतागोभी तथा मूली की फसल सड़क मार्ग बाधित होने के कारण बाजार तक नहीं पहुंच पाई तथा रास्ते में ही सड़ गई। यह खुलासा कृषि विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है। प्रदेश में कुल्लू के अतिरिक्त छोटा भंगाल ही ऐसा क्षेत्र है जहां इन दिनों इन सब्जियों की ऑफ सीजन पैदावार होती है तथा इसकी आपूर्ति जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब को की जाती है। भारी बारिश के कारण सड़क मार्ग बाधित होने के कारण इन सब्जियों का विपणन ही नहीं हो पाया। जानकारी अनुसार किसानों ने फसल तो काट ली परंतु बाजार तक फसल न पहुंचने के कारण यह रास्ते में ही सड़ गई। छोटा भंगाल की मुल्थान, पुङ्क्षलग, कोठी, धरमाण, लोहारड़ी व स्वाड आदि पंचायतें ऑफ सीजन सब्जियों की पैदावार के लिए जानी जाती हैं तथा यह यहां के किसानों की आर्थिक का प्रमुख आधार है। इन फसलों का दाम भी किसानों को अच्छा मिलता है।
उधर, कांगड़ा जनपद में धान की पैदावार को भी बारिश ने प्रभावित किया है। लगभग 6300 हैक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल भारी बारिश के कारण खराब हुई है। निचले क्षेत्रों में पककर काटने के लिए तैयार धान की फसल के दाने तेज बारिश के कारण गिर गए। जिस कारण सर्वेक्षण के पश्चात लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की हानि आंकी गई है। जनपद में पहले ही सूखे व अन्य कारणों से धान की फसल को 50 लाख रुपए की हानि पहुंच चुकी है। ऐसे में अब अंतिम समय में हुई हानि से 2 करोड़ रुपए की कुल हानि धान की फसल को पहुंच चुकी है। जिला में 400 हैक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों को भी हानि पहुंची है। यही नहीं भू-स्खलन के कारण खेतों को भी भारी हानि पहुंची है। कृषि विभाग द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में भू-स्खलन से खेतों को लगभग 25 लाख रुपए की हानि का आकलन किया है।