Edited By kirti, Updated: 19 Apr, 2019 11:34 AM
सुंदरनगर उपमंडल में घीड़ी स्थित प्राइमरी स्कूल में 5 कक्षाएं एक ही कमरे में चल रही हैं। स्कूल भवन का काम फंड की कमी से अधूरा है। 5 साल जहां सांसद निधि से फंड की मदद के इंतजार में बीत गए। वहीं 5 सालों में विभाग व प्रदेश और केंद्र सरकार भी आर्थिक मदद...
सुंदरनगर: सुंदरनगर उपमंडल में घीड़ी स्थित प्राइमरी स्कूल में 5 कक्षाएं एक ही कमरे में चल रही हैं। स्कूल भवन का काम फंड की कमी से अधूरा है। 5 साल जहां सांसद निधि से फंड की मदद के इंतजार में बीत गए। वहीं 5 सालों में विभाग व प्रदेश और केंद्र सरकार भी आर्थिक मदद नहीं कर पाए हैं, जिसका खमियाजा स्कूल में शिक्षा ले रहे बच्चे और शिक्षक वर्ग भुगत रहा है। शिक्षा में गुणवत्ता और सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या की वृद्धि के राग अलापने वाले मंत्री और नेता की सच्चाई का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। सुविधा के अभाव में भेड़-बकरी की तर्ज पर एक कमरे में पूरा स्कूल शिक्षा लेने को मजबूर है।
स्कूल में बच्चों की बढ़ रही संख्या और पुराने हो रहे भवन को नए निर्माण की योजना बीते 6 साल पहले शुरू कर दी गई। स्कूल के लिए तत्कालीन सांसद ने अढ़ाई लाख की राशि सांसद निधि से प्राप्त होते ही प्रबंधन को पंख लग गए और निर्माण कार्य शुरू कर दिया। निर्माण तत्कालीन पंचायत के माध्यम से शुरू किया गया और भवन के नाम पर पिल्लर ही बन पाए। लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से कोई पहल नहीं हो पाई है।
घीड़ी में स्थानीय लोगों के प्रयास से प्राइमरी स्कूल के निर्माण के लिए प्रशासन से फंड की मांग की गई। पहले दौर में 2 व डेढ़ लाख की राशि मिली। इसके उपरांत लंबे अरसे से फंड की कमी से काम बंद है। राजकीय प्राथमिक स्कूल घीड़ी (सुंदरनगर) के मुख्य अध्यापक अछरू राम ने बताया कि स्कूल भवन का निर्माण पहले पंचायत ने शुरू किया है। एक कमरे में ही बारी-बारी पूरी कक्षाएं लगाई जा रही हैं।