हिमाचल में बड़ा GST Fraud : 40 फार्मा उद्योगों ने फर्जी बिलों से लगाया 25 करोड़ का चूना

Edited By Vijay, Updated: 03 Jun, 2020 09:06 PM

40 pharma industries fraud with 25 crore from fake bills

राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु ने 40 फार्मा उद्योगों द्वारा फर्जी बिलों पर कच्चे माल की खरीद कर करीब 25 करोड़ रुपए के जीएसटी की चोरी के मामले को पकड़ा है। इन उद्योगों में कच्चा माल पहुंचा ही नहीं है जबकि करोड़ों...

सोलन (नरेश पाल): राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु ने 40 फार्मा उद्योगों द्वारा फर्जी बिलों पर कच्चे माल की खरीद कर करीब 25 करोड़ रुपए के जीएसटी की चोरी के मामले को पकड़ा है। इन उद्योगों में कच्चा माल पहुंचा ही नहीं है जबकि करोड़ों रुपए का इनपुट टैक्स क्रैडिट कर दिया। नियमों के मुताबिक कच्चे माल के पहुंचने पर ही इनपुट टैक्स क्रैडिट होता है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु के संयुक्त आयुक्त यूएस राणा की अगुवाई में यह कार्रवाई की गई। प्रदेश में इस प्रकार के फर्जीवाड़े का पहली बार खुलासा हुआ है। इन उद्योगों की 140 करोड़ रुपए की टर्नओवर है। इसके बावजूद जीएसटी का चूना लगा रहे हैं।

4 फर्मों द्वारा बनाए जा रहे फर्जी बिल

4 फर्मों द्वारा इन फर्जी बिलों को बनाया जा रहा है। इसमें जिला सिरमौर, हरियाणा व दिल्ली की फर्म शामिल हैं। जिला सिरमौर की कंपनी ने तो प्रदेश में ही नहीं बल्कि हरियाणा के फार्मा उद्योगों के फर्जी बिल बनाकर 14.38 करोड़ रुपए के जीएसटी बिल जारी कर दिए। हरियाणा के टैक्स अधिकारियों ने प्रवर्तन क्षेत्र से इस मामले को उठाया और 14.38 करोड़ रुपए के आईजीएसटी का नुक्सान होने से बचाया। इस मामले में अभी तक 7 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली हुई है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु ने वित्त वर्ष 2019 -20 में रिकार्ड 93.72 करोड़ रुपए टैक्स की वसूली की है। वर्ष 2018-19 की तुलना में टैक्स वसूली में 545 फीसदी की वृद्धि हुई है।

जीएसटी की चोरी मामले में 4 होटल भी शामिल

परवाणु की टीम ने जीएसटी की चोरी के मामले में 4 होटलों को भी पकड़ा है। यह जीएसटी चोरी का 1.50 करोड़ रुपए का मामला है। देखने में आया है कि होटलों में एक पैकेज ग्राहकों को नैट पर ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाता है और एकमुश्त पैसे ले लिए जाते हैं जबकि जीएसटी की अदायगी में अपने हिसाब से ठहरने व खाने के अलग-अलग जीएसटी रेट लगाए जा रहे थे। परवाणु की टीम ने पीजीटी अधिनियम के तहत लगने वाले अतिरिक्त वस्तुओं पर देय कर की अदायगी न करने पर इस एक्ट के तहत 1.32 करोड़ रुपए का राजस्व वसूल किया है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु ने वित्त वर्ष 2019 -20 में 93.72 करोड़ रुपए टैक्स की वसूली की है।

क्या बोले अधिकारी

राज्य कर एवं आबकारी विभाग दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र मुख्यालय परवाणु के संयुक्त आयुक्त यूएस राणा ने बताया कि परवाणु की टीम ने 40 फार्मा उद्योगों द्वारा फर्जी बिलों के आधार पर कच्चे माल की खरीद का मामला पकड़ा है। यह मामला 25.20 करोड़ रुपए का है। इन उद्योगों में कच्चा माल पहुंचा ही नहीं है जबकि करोड़ों रुपए का इनपुट टैक्स क्रैडिट कर दिया जबकि नियमों के मुताबिक कच्चे माल के पहुंचने पर ही इनपुट टैक्स क्रैडिट होता है। भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।

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