जलोड़ी जोत के बीच बनेगी 4 किलोमीटर लंबी सुरंग, केंद्र सरकार को भेजा मामला

Edited By Vijay, Updated: 14 Dec, 2018 10:40 PM

4 kilometer long tunnel will be built between jalodi jot

आनी क्षेत्र के तहत जलोड़ी जोत में करीब 4 किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इस डबललेन टनल के लिए प्रारंभिक औपचारिकताओं हेतु 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। आनी के विधायक किशोरी लाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सी.एम. ने कहा...

तपोवन (धर्मशाला) (जिनेश/सुरेन्द्र): आनी क्षेत्र के तहत जलोड़ी जोत में करीब 4 किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग का निर्माण किया जाएगा। इस डबललेन टनल के लिए प्रारंभिक औपचारिकताओं हेतु 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। आनी के विधायक किशोरी लाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सी.एम. ने कहा कि सुरंग निर्माण हेतु कंसलटैंट नियुक्त करने के लिए 6.36 करोड़ रुपए का अनुमान लगाकर मामला केंद्र सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। इसके बाद कंसलटैंसी हायर की जाएगी और वह ही इसकी डी.पी.आर. बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से प्रदेश के कई क्षेत्रों को लाभ होगा। सुरंग न होने की वजह से यहां आवाजाही मुश्किल हुई है। कांगड़ा क्षेत्र के तहत टीका कोई व बलोल को जोडऩे वाले पुल को शीघ्र पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी कांगड़ा के विधायक पवन काजल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी।

7 रज्जु मार्गों को विकसित करने की चल रही प्रक्रिया

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार राज्य बजट से मंदिरों का सौंदर्यीकरण, सराय का निर्माण, पार्कों का निर्माण, पार्किंग की व्यवस्था और पर्यटन स्थलों को जाने के लिए रास्तों का सुधार करवा रही है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी के पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रज्जु मार्गों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पर्यटन का विकास होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभाग द्वारा 7 रज्जु मार्गों को विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में बनाए 63 हैलीपैड

पर्यटन को बढ़ाने के लिए कांगड़ा के गग्गल, कुल्लू के भुंतर व शिमला के जुब्बड़हट्टी तीनों हवाई पट्टियों पर उच्च सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं तथा विस्तार के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की स्थापना भी कर रही है, जिसके लिए जिला मंडी के नागचला को उपयुक्त पाया गया है तथा संवैधानिका स्वीकृत प्राप्त की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 63 हैलीपैड भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान हैली टैक्सी चलाई जा रही है, ताकि पर्यटन को बढ़ाया जा सके।

पौंग जलाशय में होंगी पैराग्लाइडिंग एवं वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां

मां चिंतपूर्णी मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपए की परियोजना को संवैधानिक स्वीकृत दे दी गई है जबकि पौंग जलाशय के साथ लगते क्षेत्र का संपूर्ण पर्यटन संबंधी आधारभूत ढांचे का विकास एशियन विकास बैंक की वित्तीय पोषित परियोजना के अंतर्गत किया जा रहा है जबकि पैराग्लाइडिंग एवं वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को विकसित किया जा रहा है।

सतलुज जल विद्युत निगम लि. का एन.टी.पी.सी. में नहीं होगा विलय

सतलुज जल विद्युत निगम लि. का एन.टी.पी.सी. में विलय नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर चर्चा के दौरान सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से एस.जे.वी.एन. को एन.टी.पी.सी. में विलय करने बारे 2 बार पत्र आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी एस.जे.वी.एन. को एन.टी.पी.सी. को देने के पक्ष में नहीं है। इसलिए इस बारे में जल्द केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेतली से भी इस बारे चर्चा की गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस प्रकार की कार्रवाई चल रही है तथा हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि प्रदेश के हितों के साथ कोई छेडख़ानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले को प्रदेश सरकार केंद्र के समक्ष रखेगी तथा प्रदेश के हितों की रक्षा की जाएगी।

उद्योगों से छोड़े दूषित जल की जांच के लिए मौके पर जाएगी टीम

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौरा क्षेत्र में उद्योगों द्वारा छोड़े जा रहे विषैले पदार्थों तथा इससे उत्पन्न होनी वाली समस्याओं की जांच के लिए समिति को मौके पर भेजा जाएगा। इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। विधायक रीता धीमान ने अपने क्षेत्र में कुछ उद्योगों से निकलने वाले तेजाबयुक्त पानी का मामला उठाया था। इसकी वजह से पूरे क्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। खासकर हैंडपंप से निकलने वाला पानी सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा न हो कि उद्योगों से छोड़े जा रहे पानी की वजह से हजारों ग्रामीणों का स्वास्थ्य संकट में पड़ जाए। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इस मामले की जांच भी करवाएंगे। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है। सी.एम. ने कहा कि भविष्य में सुनिश्चित किया जाएगा कि सैंपलों की 6 माह बाद आने वाली रिपोर्ट 3 महीने में आए।

सोलन में बरसात के दौरान 36 लाख रुपए का नुक्सान

सोलन क्षेत्र में बरसात के दौरान करीब 36 लाख रुपए का नुक्सान हुआ है, जिसमें से सवा 9 लाख रुपए की रिलीफ राशि जारी कर दी गई है। यह जानकारी विधायक धनी राम शांडिल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सी.एम. ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावितों की हरसंभव मदद करने में जुटी हुई है। इस क्षेत्र में हुई 4 मौतों की एवज में 16 लाख रुपए की रिलीफ राशि भी जारी कर दी गई है।

सरकारी सेवा में भर्ती कर्मी न्यू पैंशन स्कीम में शामिल

15 मई, 2003 के बाद सरकारी सेवा में भर्ती हुए कर्मियों को न्यू पैंशन स्कीम में शामिल किया गया है। भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सभी कर्मचारियों को इसी योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने ठियोग के विधायक राकेश सिंघा और विधायक राजेंद्र राणा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी।

आपदा से निपटने को 218.96 करोड़ रुपए जारी

आपदा प्रबंधन पर प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलों को आपदा से निपटने के लिए 218.96 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है जबकि प्रशिक्षण व क्षमता सुधार के लिए 81.72 लाख रुपए 2018-19 के तहत 15 नवम्बर तक जारी कर दिए गए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री ने किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी के पूछे प्रश्न के जवाब में दी है। उन्होंने बताया कि जारी की गई राशि के अंतर्गत आपदा एवं प्रबंधन पर सक्षम होने के लिए विभिन्न जिलों में 164.74 करोड़ रुपए खर्चे जा चुके हैं।

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