4 घंटे तक एंबुलेंस के इंतजार में स्ट्रैचर पर तड़पती रही महिला, बदइंतजामी का हुई शिकार (Video)

Edited By Ekta, Updated: 16 Aug, 2018 11:17 AM

ऊना जिला के क्षेत्रीय अस्पताल के मुख्यद्वार पर एक पीड़ित महिला करीब 4 घंटे तक स्ट्रेचर पर तड़पती रही। यहां देर रात हुए इस घटनाक्रम में अति निर्धन परिवार मजदूर परिवार से सम्बंधित महिला को न तो सरकारी एम्बुलेंस मिली और न ही कोई आर्थिक मदद। यहां तक कि...

ऊना (विशाल): ऊना जिला के क्षेत्रीय अस्पताल के मुख्यद्वार पर एक पीड़ित महिला करीब 4 घंटे तक स्ट्रेचर पर तड़पती रही। यहां देर रात हुए इस घटनाक्रम में अति निर्धन परिवार मजदूर परिवार से सम्बंधित महिला को न तो सरकारी एम्बुलेंस मिली और न ही कोई आर्थिक मदद। यहां तक कि डीसी ऊना राकेश कुमार प्रजापति के आदेशों के बाद भी पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए महिला को अस्पताल प्रशासन ने एम्बुलेंस मुहैया नही करवाई। बदतर हालात को देखते हुए लोगों ने अपनी तरफ से निजी अस्पताल की एम्बुलेंस को किराया देकर महिला को पीजीआई भेजा। 4 घंटे तक महिला अस्पताल के बाहर पड़ी दर्द से कराहती रही, लेकिन उसकी मदद करने के लिए सरकारी तंत्र नदारद रहा। इस घटनाक्रम ने न केवल सरकार के दावों की पोल खोली है बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार किया है। 
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जानकारी के मुताबिक पंजावर में रहने वाली मजदूर परिवार की 20 वर्षीय रोशनी को 14 अगस्त की शाम दर्द हुआ, जिसके बाद उसको उसका भाई और मां 8 बजे क्षेत्रीय अस्पताल लेकर आए। जहां चिकित्सक ने उसको चेक किया और हृदय रोग से पीड़ित महिला को तड़पती देख पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया और डिस्चार्ज स्लिप पर अर्जेंटली रिक्वायर्ड कार्डियोलॉजिस्ट भी मार्क कर दिया। अस्पताल के बाहर तड़पती रोशनी और रोते बिलखते मां-भाई को देख कर इस बाबत 108 एम्बुलेंस को फोन किया गया लेकिन उन्होंने भी 6 घण्टे से पहले एम्बुलेंस मुहैया न होने की बात कही। इसके बाद मामला देर रात डीसी ऊना तक पहुंचाया गया और डीसी ने एम्बुलेंस देने के निर्देश दिए और खर्च खुद उठाने की हामी भरी, लेकिन डीसी के आदेश पर भी रात सवा 12 बजे तक रोशनी को एम्बुलेंस मुहैया नहीं हो पाई। 

रोशनी के भाई अनूप का कहना है कि साढ़े 8 बजे से स्ट्रेचर पर डाली बहन रोशनी को पीजीआई ले जाने के लिए वह मदद का इंतजार कर रहे थे लेकिन कोई मदद हासिल नहीं हुई। लोगों ने उनकी मदद की लेकिन सरकारी तंत्र ने नही। प्रत्यक्षदर्शियों में से एक रामपुर निवासी प्रवीण सहोता का कहना है कि देर रात साढ़े 8 बजे से लेकर साढे 12 बजे तक रोशनी तड़पती रही लेकिन सरकारी तंत्र ने इसको मदद देने के लिए कोई पहल नही की। यह शर्मसार कर देने वाला मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए और बिना पैसे के मरीज ऐसे न तड़पे इसको लेकर भी व्यवस्था करनी चाहिए। डीसी राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि रात को मामला ध्यान में आया था। एम्बुलेंस मुहैया करवाने के आदेश दिए गए थे। कहां चूक हुई है इसके कारण खोजे जाएंगे।

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