Edited By Jinesh Kumar, Updated: 26 Nov, 2020 10:53 PM
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में वीरवार को मंडी जिला से संबंधित ही कोरोना से 4 संक्रमितों की मौत हो गई है। इनमें से 2 मृतक बल्ह और धर्मपुर व 2 लोग सरकाघाट से हैं। 2 लोगों की बुधवार देर रात मौत हुई है, इनमें धर्मपुर हलके का कोट भराड़ी निवासी 65 वर्षीय...
मंडी (पुरुषोत्तम): नेरचौक मेडिकल कॉलेज में वीरवार को मंडी जिला से संबंधित ही कोरोना से 4 संक्रमितों की मौत हो गई है। इनमें से 2 मृतक बल्ह और धर्मपुर व 2 लोग सरकाघाट से हैं। 2 लोगों की बुधवार देर रात मौत हुई है, इनमें धर्मपुर हलके का कोट भराड़ी निवासी 65 वर्षीय संक्रमित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती था और बुधवार रात 11 बजे तबीयत बिगडऩे पर उसकी मौत हो गई। बल्ह हलके का रत्ती निवासी 43 वर्षीय व्यक्ति खांसी-बुखार की शिकायत होने पर जोनल अस्पताल मंडी से रैफर कर नेरचौक मेडिकल कॉलेज के सारी वार्ड में भर्ती था, उसकी भी बुधवार देर रात मौत हो गई। मृतक का कोविड सैंपल पॉजिटिव पाया गया है, वहीं 76 वर्षीय गागल की महिला ने भी कोरोना संक्रमण से दम तोड़ा है। उसे 20 नवम्बर को नेरचौक में दाखिल किया गया था। इसके अलावा 23 नवम्बर को दाखिल सरकाघाट के 72 वर्षीय व्यक्ति ने भी वीरवार को दम तोड़ा। मैडीकल कालेज के सीनियर एमएस डॉ. जीवानंद चौहान ने इसकी पुष्टि की है।
अब पधर और करसोग बने हॉटस्पॉट
सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि जिला में कोरोना के 254 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें 39 रैपिड एंटीजन टैस्ट से पॉजिटिव निकले हैं। उन्होंने बताया कि सुंदरनगर, जोगिंद्रनगर व पंडोह के बाद अब पधर और करसोग हॉटस्पॉट बन गए हैं। वीरवार को पधर में एक साथ 30 मामले सामने आए हैं, जबकि अकेले करसोग से 50 केस आए हैं। सुंदरनगर में फिर 30 और रिवालसर में भी 19 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। वहीं सदर मंडी से 9, बल्ह से 5, सरकाघाट से 12 और मैडीकल कालेज नेरचौक से 12 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा रिवालसर में 19 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें 10 पुरुष व 9 महिलाएं शामिल हैं। करसोग थाने के 10 लोग पॉजिटिव आए हैं वहीं बड़ी संख्या में वीरवार को मैडीकल स्टाफ संक्रमित हुआ है, जिससे चिंताएं बढ़ गई हैं।
मंडी जिला में कोरोना से अब तक 77 लोगों की मौत
मंडी जिला में कोरोना से अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या में 6 हजार पार कर गई है। हालांकि पहले स्थान से फिसल कर मंडी शिमला के बाद दूसरे पायदान पर आ खड़ा हुआ लेकिन यहां सामुदायिक संक्रमण की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है।