Edited By Vijay, Updated: 13 Aug, 2022 12:00 AM
लाहौल में कुछ दिन पहले करपट नाले में आई बाढ़ के कारण स्थानीय लोग घर छोड़कर जंगल में तम्बू लगाकर रहने को मजबूर हो गए हैं। यही नहीं, लगभग 300 मीटर सड़क भी पानी में डूब गई है, जिस कारण रुवालिंग, तीगरेट, उडगोस, चांगुट, छलिंगा, शुक्ततो व खंजर गांव का...
केलांग (ब्यूरो): लाहौल में कुछ दिन पहले करपट नाले में आई बाढ़ के कारण स्थानीय लोग घर छोड़कर जंगल में तम्बू लगाकर रहने को मजबूर हो गए हैं। यही नहीं, लगभग 300 मीटर सड़क भी पानी में डूब गई है, जिस कारण रुवालिंग, तीगरेट, उडगोस, चांगुट, छलिंगा, शुक्ततो व खंजर गांव का उदयपुर से संपर्क कट गया है। ग्रामीण अपनी फसलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। करपट के बीडीसी सदस्य दलीप बोद्ध ने बताया कि ग्रामीण 26 जुलाई से इस परेशानी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि करपट नाले में आई बाढ़ से सभी ग्रामीणों के घर खतरे में हैं तथा जान बचाने के लिए ग्रामीणों ने जंगल में शरण ली है।
नाले का सही तटीकरण ही एकमात्र बचाव
उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले फिर नाले में बाढ़ आई और बाढ़ से मयाड़ नदी का बहाव रुक गया। नाले का सही तरीके से तटीकरण ही एकमात्र बचाव है। करपट नाले की पहाड़ी में ग्लेशियर पिघलने व बारिश होने से बाढ़ आ रही है। इससे करपट के ग्रामीणों की जमीनें बाढ़ में बह रही हैं। गोभी और मटर की फसलें तैयार हैं परंतु सड़क अवरुद्ध होने से लोग अपनी फसलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
ग्रामीणों को हुए नुक्सान की भरपाई करे सरकार : सुशील
उदयपुर ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष सुशील ठाकुर ने कहा कि बाढ़ से तिंगरट और करपट पंचायतों के ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि ग्रामीणों को हुए नुक्सान की भरपाई की जाए तथा पुराने सर्वे के आधार पर सड़क निकाली जाए ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
क्या बोले एसडीएम
एसडीएम उदयपुर निशांत तोमर ने कहा कि करपट नाले तक सड़क बहाल है। सड़क का कुछ भाग अभी भी पानी में डूबा हुआ है। करपट के ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने के बेहतर प्रयास किए जाएंगे।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here