Edited By Ekta, Updated: 06 Nov, 2018 10:11 AM
लाहौल में ठंड से नेपाली मजदूर की मौत के बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए यहां से करीब 231 मजदूरों को रोहतांग टनल के माध्यम से मनाली सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि लाहौल-स्पीति में बाहरी राज्यों से मजदूरी का काम करने के...
मनाली/भरमौर (ब्यूरो/उत्तम): लाहौल में ठंड से नेपाली मजदूर की मौत के बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए यहां से करीब 231 मजदूरों को रोहतांग टनल के माध्यम से मनाली सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि लाहौल-स्पीति में बाहरी राज्यों से मजदूरी का काम करने के लिए पहुंचे लोगों के पास न तो रहने की उचित व्यवस्था है और न ही उन्हें लाहौल की भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में पता है। ऐसे में बर्फ बारी के बीच इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ती देख प्रशासन ने इन्हें सुरक्षित लाहौल से बाहर पहुंचाना ही बेहतर समझा है। दूसरी तरफ हिमाचल पथ परिवहन निगम के केलांग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मंगल चंद मनेपा ने 231 लोगों को मनाली पहुंचाने की पुष्टि की है। डी.सी., लाहौल-स्पीति अश्विनी कुमार चौधरी ने कहा कि घाटी से मजदूरों को मनाली एच.आर.टी.सी. की बसों में भेजा गया है।
रात में माइनस 12 डिग्री पहुंच रहा तापमान
लाहौल के तापमान में भारी गिरावट आ गई है। यहां दिन में तो तापमान माइनस डिग्री है ही, रात में माइनस 10 से 12 डिग्री तापमान पहुंच रहा है। ऐसे में बर्फीली हवाओं के साथ ही लाहौल में प्रचंड शीत लहर का दौर भी शुरू हो गया है। इस बीच अगर कोई रात खुले आसमान के नीचे बिताता है तो उसकी मौत होना तय है। खून जमा देने वाली ठंड ने लाहौल में लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है।