Edited By Vijay, Updated: 09 Feb, 2020 02:01 PM
ये तस्वीरें किसी जनजातीय क्षेत्र की नहीं बल्कि शिमला जिला के चौपाल उपमंडल की धन्नत पंचायत की हैं, जहां पीठ पर एक नहीं बल्कि दर्द से बिलखते 2-2 मरीज हैं। एक आगे चल रहा है तो दूसरा पीछे और रास्ते के नाम पर दोनों तरफ सिर्फ गहरी खाई नजर आ रही है।
नाहन (सतीश): ये तस्वीरें किसी जनजातीय क्षेत्र की नहीं बल्कि शिमला जिला के चौपाल उपमंडल की धन्नत पंचायत की हैं, जहां पीठ पर एक नहीं बल्कि दर्द से बिलखते 2-2 मरीज हैं। एक आगे चल रहा है तो दूसरा पीछे और रास्ते के नाम पर दोनों तरफ सिर्फ गहरी खाई नजर आ रही है। जरा सा भी संतुलन बिगड़ा और बीमार के साथ तीमारदार की जान भी दांव पर।
सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही धन्नत पंचायत के कुम्हारला गांव की इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि यहां मोटर मार्ग तो छोडि़ए ग्रामीणों के पैदल चलने के लिए रास्ता तक नहीं है, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां बीमार होना मना है... और अगर बीमार हो भी गए तो यहां 108 नंबर पर कॉल करके एम्बुलैंस नहीं बुलानी पड़ती है बल्कि गांव की लोकल 11 नंबरी इंसानी पीठ वाली गाड़ी का जुगाड़ करना पड़ता है।
अक्सर प्रदेश के कई अन्य जिलों से भी ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं लेकिन जब राजधानी शिमला से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर ही ऐसे हालात देखने को मिलें तो दीये तले अंधेरे वाली कहावत भी चरितार्थ होती नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही गांव के रास्ते की वीडियो में लोगों द्वारा जमकर प्रतिक्रिया दी जा रही है और प्रदेश की डबल इंजन वाली सरकार से अच्छे दिनों की तारीख पूछी जा रही है।