Edited By Ekta, Updated: 11 Aug, 2018 11:14 AM
मंडी जिला के शिक्षा खंड द्रंग-1 के अंतर्गत आने वाले पाली शानन स्कूल का 52 साल पहले निर्मित जर्जर हो चुका भवन शुक्रवार को धराशाई हो गया जिससे स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 52 बच्चे खुले आसमान तले आ गए हैं। उधर, सरकारी व्यवस्था के गिरते स्तर की हद...
जोगिंद्रनगर (अमन): मंडी जिला के शिक्षा खंड द्रंग-1 के अंतर्गत आने वाले पाली शानन स्कूल का 52 साल पहले निर्मित जर्जर हो चुका भवन शुक्रवार को धराशाई हो गया जिससे स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे 52 बच्चे खुले आसमान तले आ गए हैं। उधर, सरकारी व्यवस्था के गिरते स्तर की हद देखिए कि शिक्षा विभाग ने समस्या का त्वरित हल निकालने की बजाय स्कूल प्रबंधन समिति के सिर सारा ठीकरा फोड़ दिया तथा उसे अस्थाई तौर पर कमरों का प्रबंध करने को कह दिया। गनीमत यह रही कि कोई हादसा पेश नहीं आया अन्यथा प्रदेश का शिक्षा विभाग एक और बदनुमा दाग का बोझ ढोने को मजबूर हो जाता।
जानकारी के अनुसार प्रबंधन समिति ने पंजाब विद्युत कार्पोरेशन के अधिकारियों से शानन में खाली पड़े भवनों में अस्थाई तौर पर स्कूल के लिए स्थान मुहैया करवाने की गुहार लगाई है। इस स्कूल भवन का निर्माण 1965 में हुआ बताया जा रहा है, जिसमें स्थित 3 कमरों में से एक में प्राथमिक स्कूल की 5 कक्षाओं के 23 छात्र तो एक अन्य कमरे में मिडल विंग के 29 छात्र जैसे-तैसे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे लेकिन शुक्रवार को इस भवन की दीवारें गिर गईं और बच्चों को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया।
अधिकारी भी कर चुके हैं निरीक्षण
खंड शिक्षा अधिकारी लेखराज व बी.आर.सी.सी. विजय बरवाल ने 2 दिन पहले ही इस भवन का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया था तथा इसे बच्चों के बैठने के योग्य नहीं पाया था जिसके बाद स्कूल प्रबंधन समिति को अपने तौर पर अस्थाई रूप से कमरों का इंतजाम करने को कहा गया था।
प्रबंधन समिति पहले ही लगा रही थी गुहार
प्राथमिक तथा मिडल दोनों ही विंग की स्कूल प्रबंधन समिति ने पहले ही विभाग को पत्र लिखकर इस स्कूल की जर्जर स्थिति से अवगत करवाते हुए स्कूल को अनसेफ घोषित करने का आग्रह करते हुए नया भवन बनाने की गुहार लगाई थी लेकिन जैसा कि अन्य सरकारी कार्यों का हश्र होता है यहां भी वैसा ही हुआ तथा शिक्षा विभाग की करीब एक कनाल भूमि मौजूद होने के बावजूद नए भवन के निर्माण की फाइल औपचारिकताओं के भंवर में फंसी रही। अब मुसीबत सिर आन पड़ी है तो नया भवन बनाने के दावे हो रहे हैं, जिसमें बेशुमार औपचारिकताएं मुंह बाए खड़ी हैं।