Edited By Vijay, Updated: 02 Feb, 2021 11:56 PM
15वें वित्तायोग की सिफारिशों से भले ही प्रदेश को आगामी समय में वेतन सहित वित्तीय अदायगियों का निपटारा करने में आसानी होगी लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कर्ज से आयोग भी चिंतित है, ऐसे में वित्तायोग ने स्पष्ट तौर पर प्रदेश सरकार को कर्जों को...
शिमला (कुलदीप): 15वें वित्तायोग की सिफारिशों से भले ही प्रदेश को आगामी समय में वेतन सहित वित्तीय अदायगियों का निपटारा करने में आसानी होगी लेकिन प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कर्ज से आयोग भी चिंतित है, ऐसे में वित्तायोग ने स्पष्ट तौर पर प्रदेश सरकार को कर्जों को नियंत्रित रखने की सलाह दी है। वित्तायोग ने प्रदेश सरकार को कर्ज को एफआरबीएम एक्ट के प्रावधानों के तहत नियंत्रित करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा 9 पीएसयू के लेखों को नियमित और समयबद्ध तरीके से लेखा परीक्षा नहीं करने पर भी आपत्ति जताई है।
नई सैरगाहें विकसित करने व कर प्रणाली में सुधार लाने की भी सलाह
इतना ही नहीं, आयोग ने शिमला, धर्मशाला और मनाली जैसी सैरगाहों से बोझ कम करने के लिए चम्बा और लाहौल-स्पीति जैसे स्थानों पर नई सैरगाहों को विकसित करने की सलाह दी है। आयोग ने प्रदेश की कर प्रणाली में भी सुधार की आवश्यकता जताई है तथा प्रदेश में निर्माणाधीन पन बिजली परियोजनाओं के काम में तेजी लाने को कहा है। रिपोर्ट के वॉल्यूम 4 में आयोग ने प्रदेश सरकार के प्रतिबद्ध खर्च को कम करने के मद्देनजर कारगर कदम उठाने और सड़कों की हालत में सुधार करने को कहा है।
हवाई अड्डों का विस्तार करने का सुझाव
वित्तायोग ने यह भी कहा है कि सरकार भले ही खर्चों को कम करने के प्रयास कर रही है लेकिन इसके बावजूद प्रतिबद्ध खर्चे जिसमें वेतन व ग्रांट-इन-ऐड भी शामिल है, कुल राजस्व प्राप्तियों का करीब 72.7 फीसदी है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 में प्रदेश पर सकल घरेलू उत्पाद का 35.3 फीसदी कर्ज था। आयोग ने प्रदेश में हवाई अड्डों का विस्तार करने और मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का निर्माण कार्य सिरे चढ़ाने का सुझाव दिया है।
वित्तायोग की तरफ से प्रदेश को मिले 81,977 करोड़ रुपए
उल्लेखनीय है कि वित्तायोग की तरफ से प्रदेश को 81,977 करोड़ रुपए देने की बात सामने आई है। पिछले वित्तायोग की तुलना में इस बार प्रदेश को 6,839 करोड़ रुपए केंद्रीय करों से अधिक प्राप्त होंगे। इसी तरह स्थानीय निकायों को 3 हजार करोड़, आपदा प्रबंधन और पीएमजीएसवाई को क्रमश: 2200-2200 करोड़, कृषि को 247 करोड़, स्वास्थ्य को 377 करोड़, उच्च शिक्षा को 70 करोड़ तथा राज्य विशेष के रूप में 1,400 करोड़ रुपए से अधिक आबंटित करने की बात कही गई है। हालांकि अब तक राज्य सरकार ने वित्तायोग की तरफ से जारी सिफारिशों को लेकर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
दिनभर जारी रहा बैठकों का दौर
15वें वित्तायोग की सिफारिशों और वित्तीय वर्ष, 2021-22 के लिए प्रदेश सरकार के बजट तैयारी को लेकर मंगलवार को दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा। वित्त एवं योजना विभाग के अधिकारी दिनभर वित्तीय मामलों को लेकर माथापच्ची करते रहे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की तरफ से प्रस्तुत किए जाने वाले बजट को लेकर सुझाव लेने की तिथि को भी 7 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।