Edited By Vijay, Updated: 04 Sep, 2018 10:35 PM
प्रदेश के कुछ भागों में आसमान से बरसी आफत के बाद 132 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो गई हैं। इस कारण 56 से अधिक रूटों पर बस सेवा भी प्रभावित हुई है। बारिश के बाद एन.एच.-5 समेत कई अन्य सड़कों पर भारी भू-स्खलन, डंगे ढह जाने और पेड़...
शिमला: प्रदेश के कुछ भागों में आसमान से बरसी आफत के बाद 132 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो गई हैं। इस कारण 56 से अधिक रूटों पर बस सेवा भी प्रभावित हुई है। बारिश के बाद एन.एच.-5 समेत कई अन्य सड़कों पर भारी भू-स्खलन, डंगे ढह जाने और पेड़ गिरने से यातायात पर बुरा असर पड़ा है। सड़कों पर जगह-जगह वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। शिमला की हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में सड़क पर मलबा आने से एन.एच.-5कई घंटे तक अवरुद्ध रहा। उधर, ताजा बारिश के बाद पी.डब्ल्यू.डी. का नुक्सान 696 करोड़ से बढ़कर 703.44 करोड़ रुपए हो गया है।
शिमला जोन की 67 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध
पी.डब्ल्यू.डी. महकमे के मुताबिक शिमला जोन की सबसे ज्यादा 67 सड़कें बारिश के बाद यातायात के लिए अवरुद्ध हुई हैं। मंडी जोन में 43 सड़कें व कांगड़ा जोन में 22 सड़केंबंद हुई हैं। एन.एच.-5 पर परवाणु से कंडाघाट के बीच भी जगह-जगह भू-स्खलन ने लोगों को दिनभर परेशान किया। बंद पड़ी सड़कों में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों की बताई जा रही हैं।
सड़कें खोलने में 189 जे.सी.बी., डोजर और टिप्पर जुटे
पी.डब्ल्यू.डी. का दावा है कि बंद पड़ी सड़कों में से 81 सड़कें मंगलवार शाम तक बहाल कर दी जाएंगी। इसी तरह 28 सड़कें बुधवार शाम और शेष सभी सड़कें वीरवार शाम तक वाहनों के लिए खोल दी जाएंगी। विभाग के मुताबिक बंद पड़ी सड़कें खोलने में 189 जे.सी.बी., डोजर और टिप्पर लगे हुए हैं।
70 से ज्यादा पेयजल योजनाएं भी हुईं प्रभावित
ताजा बारिश के बाद 70 से ज्यादा पेयजल योजनाओं पर भी असर पड़ा है। नदी-नालों में अचानक पानी का स्तर बढ़ने से पेयजल योजनाओं को क्षति हुई है। बहुत-सी योजनाओं से लोगों के घरों में मटमैला पानी सप्लाई हो रहा है। सरकार ने लोगों से मटमैले पानी को उबालकर पीने की अपील कर रखी है।