Edited By Ekta, Updated: 27 Jun, 2018 10:28 AM
केंद्र सरकार ने हिमाचल को मिड-डे मील योजना के लिए 110 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र ने प्रदेश के लिए ये बजट स्वीकृत किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस योजना के तहत प्रदेश को 100 करोड़ की सैंक्शन मिली थी। इस बार...
शिमला: केंद्र सरकार ने हिमाचल को मिड-डे मील योजना के लिए 110 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र ने प्रदेश के लिए ये बजट स्वीकृत किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस योजना के तहत प्रदेश को 100 करोड़ की सैंक्शन मिली थी। इस बार केंद्र ने इसमें 10 करोड़ की वृद्धि की है। इस सैंक्शन के बाद अब शिक्षा विभाग ने छात्रों को आहार में पोषक तत्वों को बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग जल्द ही स्कूलों में मिड-डे मील के मैन्यू में बदलाव कर सकता है। इस दौरान इसमें प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैलशियम युक्त खाद्य-पदार्थों को शामिल किया जाएगा ताकि बच्चों को संतुलित आहार मिल सके। इस समय पहली से 8वीं कक्षा तक के लगभग 5.50 लाख छात्र इस योजना के तहत दोपहर का भोजन ग्रहण कर रहे हैं।
छात्रों को दोपहर के भोजन में मिलेंगे फल
छात्रों को दोपहर भोजन के साथ मौसमी फल भी मिलेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी व एस.एम.सी. सदस्य, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में स्थानीय लोगों से स्कूलों के छात्रों को मौसमी फल उपलब्ध करवाने की सिफारिश की जाएगी। सेब बाहुल क्षेत्रों में लोगों से छात्रों के लिए स्कूलों में उपलब्ध करवाने की मांग की जाएगी और आम, लीची, संतरा, आड़ू, खुमानी आदि क्षेत्रों में लोगों से उक्त फल बच्चों को उपलब्ध करवाने की सिफारिश की जाएगी।
पांच साल से इस्तेमाल किए जा रहे बर्तन होंगे चेंज
इस बजट से स्कूलों में पिछले पांच वर्षों से मिड-डे मिल योजना में इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन भी चेंज किए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने स्कूलों मे इसकी स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। जिन स्कूलों में कई वर्षों से पुराने बर्तन इस्तेमाल किए जा रहें, वहां के लिए अब नए बर्तन खरीदे जाएंगे।