Edited By prashant sharma, Updated: 27 Feb, 2021 10:41 AM
अनसोली गांव के समीप आस्था का केंद्र गंगभैरों मंदिर के तालाब में एक बार फिर मछलियां काल का ग्रास बन रही हैं। तालाब में अब तक लगभग 10 क्विंटल मछलियां मौत के मुंह में समा चुकी हैं।
धर्मशाला (कर्मपाल) : अनसोली गांव के समीप आस्था का केंद्र गंगभैरों मंदिर के तालाब में एक बार फिर मछलियां काल का ग्रास बन रही हैं। तालाब में अब तक लगभग 10 क्विंटल मछलियां मौत के मुंह में समा चुकी हैं। हालांकि पिछले 2 दिन से मंदिर प्रशासन मत्स्य विभाग की मदद से तालाब की साफ-सफाई में जुटा हुआ है और मछलियों को तालाब से निकाल रहा है। जानकारी के अनुसार पानी में हुए प्रदूषण से पिछले 4-5 दिनों से मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। गंगभैरों मंदिर के गोस्वामी महंत श्री टेहलगिर जी महाराज ने बताया कि तालाब में पिछले दिनों से मछलियां मर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 10 क्विंटल मछलियां मर चुकी हैं। इस बारे मत्स्य विभाग से मदद मांगी गई थी और अब उनकी मदद से तालाब की साफ-सफाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि गत दिवस भी मरी हुई मछलियों को तालाब से बाहर निकाला गया व उनको दफना दिया गया है। वहीं शुक्रवार को फिर से तालाब में काफी संख्या में मछलियां मरी हुई पाई गईं, जिन्हें निकाल कर दबा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो मछलियां जिंदा हैं उन्हें मत्स्य विभाग की मदद से तालाब से निकाला जा रहा है और शिफ्ट किया जा रहा है।
अत्याधिक फीडिंग भी है मछलियों की मौत का कारण
गोस्वामी महंत श्री टेहलगिर जी महाराज ने बताया कि तालाब का पानी गंदा हो गया है, जिस कारण मछलियों की मौत हो रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे तो हर दिन लोग मछलियों को खाना डालने के लिए आते रहते हैं लेकिन शनिवार के दिन सैकड़ों की संख्या में यहां आते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा अत्याधिक मात्रा में मछलियों को डाले गए आटे व ब्रैड आदि से पानी प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा डाला गया काफी मात्रा में आटा नीचे तालाब में बैठ जाता है और सड़ जाने के बाद यह आटा मछलियों के लिए जहर का काम कर रहा है। उनके अनुसार इस बार बारिश न होना भी मछलियों की मौत का कारण बना है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि तालाब में अत्याधिक मात्रा में आटा या ब्रैड न डालें। साथ ही तालाब की सफाई तक लोग तालाब में कुछ न डालें।
3 साल पहले मरी थी 40 क्विंटल मछलियां
गंगभैरों मंदिर के तालाब में इतनी मात्रा में मछलियों के मरने का मामला पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले भी कई बार तालाब में मछलियों के मरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। महंत श्री टेहरगिरी जी महाराज ने बताया कि लगभग 3 साल पहले भी उक्त तालाब में गर्मियों के दिनों में इस प्रकार की महामारी फैली थी। तब लगभग 40 क्विंटल मछलियां मौत का ग्रास बनी थीं। उन्होंने बताया कि उस समय भी मरी हुई मछलियों को दफनाया गया था।